गोला भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक ने किसानों की समस्याओं को लेकर एसडीएम को ज्ञापन दिया।
- Dec 8, 2018
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भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक ने किसानों की समस्याओं को लेकर डीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है चेतावनी दी है 15 दिनों में कार्रवाई ना हुई तो गिरफ्तारियां दी जाएंगी
शुक्रवार को संगठन के गोला तहसील अध्यक्ष महेश चंद्र वर्मा एडवोकेट ने अपने कई साथियों के साथ तहसील पहुंच डीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम अखिलेश यादव को सौंपा जिसमें कहा गया है की गन्ना किसानों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है जिससे किसान और मजदूर सूदखोरो से कर्जा लेने को मजबूर हैं सूदखोर 5% से लेकर 10% मासिक ब्याज पर कर्ज देकर किसानों की जमीनों का एग्रीमेंट करा कर गिरवी रखा जा रहा है जबकि न तो उनके पास लाइसेंस हैं और ना ही सरकार से अनुमति ली गई है सूदखोरो के उत्पीड़न से क्षेत्र के तमाम किसान मजदूरों ने आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाने पर विवश हो गए हैं।
सूदखोर लगातार उनका उत्पीड़न कर रहे हैं और पीड़ित लोग उनके धमकाने की वजह से शिकायतें भी नहीं कर पा रहे हैं धमकी दी जा रही हैं कि यदि उन्होंने संबंधित अधिकारियों से शिकायत की तो उनकी गिरवी रखी गई जमीन वापस नहीं की जाएंगी और न तो उनके वाहन वापस किए जाएंगे।
गोला तहसील अध्यक्ष महेश चंद्र वर्मा ने डीएम से मांग पत्र के जरिए मांग की है कि गोला व मोहम्मदी तहसील के रजिस्ट्री कार्यालयों से 2010 से 2017 तक के रिकॉर्ड ओं की जांच कराई जाए कि एक ही क्रेता द्वारा एक वर्ष में कुल कितने कारनामे कराए गए हैं और कितने निरस्त कराए गए हैं इनके आय के स्रोत क्या है पेशेवर गवाहों के हस्ताक्षर प्रत्येक एग्रीमेंट पर लगातार हुए हैं जो इस सिस्टम की बराबर की कड़ी है इनके विरुद्ध आय के स्रोतों की जांच करा कर बिना साहूकारी लाइसेंस के ब्याज पर करोड़ों रुपए का कारोबार सरकार को बिना टैक्स दिए बड़ी मात्रा में चुना लगाया जाने पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए।
मितौली व गोला ब्लाक की तमाम ग्राम सभा में तमाम ग्राम सभाओं में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है सरकार द्वारा जनहित की लाभकारी योजनाएं जमीन तक नहीं पहुंचते हैं और विकास कार्यों के नाम पर दर्जनों ग्राम पंचायतों में पैसा निकाल कर गबन कर लिया गया है और पुराने कार्यों का ब्योरा देकर धन का लिया गया है और ब्लाक के कर्मचारियों सहित प्रधानों से मिलकर बंदरबांट किया गया है अगर आम जनता या मीडिया से कोई व्यक्ति इनकी छानबीन कर साक्ष्य जुटाने का काम करता है और भ्रष्टाचार को नंगा करने का प्रयास करें तो उसके विरुद्ध फर्जी मुकदमे लिखवा कर अनावश्यक दबाव बनाया जाता है ।






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