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"कौन बनेगा सैकड़ापति" में शिक्षक बच्चों से सवाल पूछते सही जबाव देने पर बच्चों को मिलता है नगद धनराशि

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(देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा)


महराजगंज जनपद के एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों द्वारा बच्चों को मशहूर टीवी सीरियल "कौन बनेगा करोड़पति" के तर्ज पर "कौन बनेगा सैकड़ापति" कार्यक्रम में हॉट सीट पर बैठाकर उनके सब्जेक्ट और जनरल नॉलेज के सवाल पूछते हैं. सही जवाब बताने पर धनराशि भी देते हैं।

सरकारी स्कूल के दो शिक्षकों ने मिलकर किया प्रयास प्राथमिक स्कूल रौतार ब्लाक निचलौल जनपद महराजगंज क्षेत्र के जंगल किनारे बसे रौतार गांव में है। वर्ष 2018 में इस प्राथमिक विद्यालय का भवन बनकर तैयार हुआ. कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया, इस बजह से 2021 में इस विद्यालय की शुरुआत हुई. यहां दो शिक्षक जावेद आलम और सुमित कुमार पटेल की तैनाती हुई. दोनों शिक्षकों ने जंगल से सटे पिछड़े इलाके में स्थित इस स्कूल के बच्चों को कुछ नए प्रयोग के माध्यम से पढ़ाने और सिखाने के बारे में सोचा. इसके बाद दोनों शिक्षकों ने मिलकर नए-नए प्रयोग किए. खेल, कॉमेडी और "कौन बनेगा सैकड़ा पति" के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का प्रयास शुरू किया।


5 रुपये से लेकर 100 रुपये तक का है नगद इनाम


"कौन बनेगा सैकड़ापति" में शिक्षक बच्चों से सवाल पूछते हैं. सही जवाब देने पर 5 रुपये से लेकर 100 रुपये तक का इनाम दिया जाता है। शिक्षक के इस प्रयास से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ने के साथ ही उनका बौद्धिक विकास और ज्ञान भी बढ़ रहा है।


जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कर चुके है सराहना


बीएसए आशीष सिंह स्कूल का निरीक्षण करने आए थे, तो शिक्षक जावेद ने उनको भी हॉट सीट पर बैठाया, उनसे प्रश्न पूछे. जिसमें सभी प्रश्नों का सही उत्तर देकर बीएसए आशीष सिंह ने 100 रुपये जीते. इस दौरान उन्होंने बच्चों को और बेहतर करने की बात कही. उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।


खेल-खेल में पढ़ाई करने में बच्चों को आता है मजा


शिक्षकों के इस प्रयास से बच्चों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. बच्चों में आत्मविश्वास का विकास हो रहा है. उनका बौद्धिक ज्ञान भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. स्कूल में पढ़ने वाले खुशी और सूरज कुमार ने बताया कि शिक्षकों के साथ खेल-खेल में पढ़ाई करने में उन्हें काफी अच्छा लगता है.


जिलाधिकारी ने भी दोनों शिक्षकों की सराहना

सरकारी स्कूल में युवा शिक्षकों द्वारा किए जा रहे इस नए और अधिक को प्रयास से जनपद के अधिकारी भी काफी खुश हैं. जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि अन्य सरकारी स्कूल के शिक्षकों को इनसे प्रेरणा लेकर कुछ नए नित प्रयोग करने चाहिए. जिससे बच्चों में आत्मविश्वास के विकास एवं बौद्धिक स्तर बढ़ाया जा सके।

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