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यूपी के सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में आपका स्वागत है लेखक देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा

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यूपी के सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में आपका स्वागत है


एक बार सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर विश्वास करके तो देखें।



देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा राष्ट्रीय सचिव आपका साथ हेल्पलाइन फाउंडेशन


उत्तर प्रदेश में कोरोना आपदा में लॉकडाउन के कारण अधिकांश निम्न एवं मध्यम वर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है और आगे भी जल्द सुधार की गुंजाइश कम नजर आ रही है। अभिभावक निजी इंग्लिश मीडियम के स्कूलों की फीस भरने में असमर्थ हैं और वे फीस माफी चाहते हैं। निजी इंग्लिश मीडियम स्कूल वाले मान नहीं रहे हैं। सरकार ने निजी इंग्लिश मीडियम स्कूल वालों से कहा भी है कि वे फीस न बढ़ाएं तथा एकमुश्त शुल्क भरने का दबाव न बनाएं। जरूरी नहीं कि सभी निजी इंग्लिश मीडियम स्कूल वाले सरकार का कहना मानेंगे। उनकी अलग मजबूरियां होगी हो सकता है कि वे मान भी ले या नहीं भी माने। मेरा ऐसे सभी अभिभावकों से अनुरोध है वे सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाएं। NC से 8वीं कक्षा तक कोई प्रवेश शुल्क या मासिक फीस नहीं है । उत्तम शिक्षण व्यवस्था योग्य शिक्षक उपलब्ध हैं। बेस्ट पाठ्यक्रम अच्छे भवन, पर्याप्त फर्नीचर, निशुल्क यूनिफार्म, निशुल्क पुस्तकें, कॉपी, मिड डे मील आपके घर के निकट ही हैं इसलिए कोई वाहन शुल्क भी नहीं।

यदि आपके पास ज्यादा पैसा है तो आप सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल में डोनेशन दे दें तो और अधिक सुधार हो जायेगा। एक बार सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर विश्वास करके तो देखें। पुरानी पीढ़ी तो हिंदी मीडियम से इन सरकारी स्कूलों में पढ़ी है । क्या वह किसी से कम है। अभिभावकगण बेवजह राज्य सरकार पर दवाब बना रहे हैं कि निजी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को फीस माफ़ करने को कहे । सरकार ने तो उनके सामने सर्वसुविधायुक्त सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश का विकल्प दे रखा है । यदि अभिभावक निजी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है तो सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में उनका स्वागत है। सरकारी स्कूल बड़े -बड़े विज्ञापन अखबार में नहीं देते। अखबार के पन्नों में केवल इनकी बुराई ही छपती है आप केवल एक बार सेवा का अवसर दें तो आप सरकारी स्कूलों की अच्छाइयों से भी परिचित हो जाएंगे।

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