हरदोई में गुलाब के फूल की तरह महकी दीक्षा भारती
- aapkasaathhelplinefoundation

- Jul 25, 2019
- 2 min read
हरदोई में गुलाब के फूल की तरह महकी दीक्षा भारती

नूरूद्दीन/जितेन्द्र सिंह हरदोई।इस दुनियां में इंसान उस सपने की तरफ भागता है जो वो बचपन से देखता आ रहा है, कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद जब उसे वो मुकाम हांसिल हो जाता है जिसके लिए वो बचपन से प्रयत्नशील था तो वो अपने जीवन को सफल मान लेता है, पर इसी दुनियां में कुछ विरले ऐसे भी ही होते हैं जो देखते तो वही सपना हैं जो वो बनना चाहते हैं पर अपने माँ बाप के लिए अपना सपना छोड़कर, वो बनने की राह पर निकल पढ़ते हैं जिसका सपना उनके माँ-बाप देखते हैं।यही कहानी हम बहुत सारी बॉलीवुड फिल्मों में भी देख चुके हैं जहाँ आमिर खान की थ्री इडियट्स इस बात पर बनी थी कि इंसान को हमेशा अपने सपने के पीछे ही भागना चाहिए तो वहीं दूसरी और आमिर खान की ही दंगल हमें ये प्रेरणा देती है कि माँ बाप हमें जो बनने का सपना देखें उसे पूरा करो।आज हम बात करेंगे एक ऐसी बेटी की जिसने अपने परिवार के साथ जनपद का नाम रोशन किया।जी हाँ हम बात कर रहे है जनपद हरदोई की तहसील संडीला के ग्राम बेहन्दर खुर्द निवासी हरि प्रसाद की पुत्री दीक्षा भारती की जिन्होंने यूपीपीसीएस जे 2018 में 125वां स्थान पाकर जनपद का नाम रोशन किया।बताते चलें कि दीक्षा भारती ने बीए, एलएलबी ऑनर्स की पढ़ाई वर्ष 2016 में डॉ राममनोहर लोहिया लॉ विश्वविद्यालय से की है उसके बाद 2018 में एलएलएम की पढ़ाई कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से करने के बाद यूजीसी नेट लॉ से वर्ष 2019 से पूरा किया। दीक्षा के पिता भी लखीमपुर खीरी में है अपर जिला जज आपको बता दे कि दीक्षा भारती के पिता हरि प्रसाद लखीमपुर खीरी में न्यायिक विभाग में अपर जिला जज के रूप में कार्यरत है इनकी गिनती तेजतर्रार व ईमानदार अधिकारियों में की जाती है।दीक्षा भारती के पिता हरि प्रसाद ने 16 वर्ष तक नेशनल इंयोरेन्स में सेवाएं दे चुके है।वर्ष 2004-05 में कड़ी मेहनत के बलबूते यूपीपीसीएस जे के माध्यम से न्यायाधीश पद पर चयनित हुए।दीक्षा भारती ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।




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