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- Jul 25, 2019
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वन विभाग उत्तर प्रदेश एवं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के सहयोग से गिद्ध सुरक्षित क्षेत्र बनेगा लखीमपुर खीरी

वन विभाग उत्तर प्रदेश एवं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के संयुक्त प्रोजेक्ट के अनुसार दुधवा टाइगर रिजर्व व उसके आसपास के क्षेत्रों को बनाया जाएगा गिद्ध सुरक्षित क्षेत्र

संजय शर्मा-मैलानी
मैलानी-खीरी।वन विभाग की मैलानी रेंज में गिद्ध संरक्षण के लिए एक समीक्षा बैठक का आयोजन बुधवार को किया गया।जिसमें वन विभाग के रेंजर के पी सिंह बफर जोन दुधवा नेशनल पार्क, राजेश प्रताप सिंह सेंचुरी दुधवा नेशनल पार्क के कर्मचारियों और गिद्ध संरक्षण हेतु प्रदेश में कार्यरत संस्था बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी की जीव विज्ञानी अलका दुबे ने भाग लिया।

समीक्षा बैठक में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी संस्था की जीव विज्ञानी अलका दुबे ने गिद्धों को सुरक्षा एवं संरक्षण सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी दी।उन्होंने गिद्धों के मरने के कारण एवं गिद्धों के बचाव व उनकी मौजूदा जनसंख्या की स्थिति के बारे में जानकारी दी और साथ ही भारत देश में गिद्धों की पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियों के बारे में भी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1990 से अब तक गिद्धों की संख्या में लगभग 99% तक की कमी आई है जिसका मुख्य कारण पशु उपचार में प्रयोग की जाने वाली दर्द निवारक दवा डाइक्लोफिन है,इसके कारण इनकी प्रजाति विलुप्त होने की कगार तक पहुंच गई है।

उन्होंने बताया कि यदि दवा के उपचार से 3 दिन के अंदर किसी भी कारण से उस मवेशी की मृत्यु हो जाती हो जाए तो डाइक्लोफिन के जहरीले तत्व उस मवेशी में रह जाते हैं और जब मृत मवेशी को गिद्ध खाते है तो यह ज़हर उनके शरीर में प्रवेश कर उनके गुर्दो को खराब कर उनकी मृत्यु का कारण बनती है। इसी वजह से भारत में पशु आहार में दी जाने वाली डाइक्लोफिन दवा को सन 2006 से प्रतिबंधित कर दिया गया है। डाइक्लोफिन की जगह सुरक्षित वैकल्पिक दवा मैलोक्सीकेम का प्रयोग किया जा सकता है जो की पशु व गिद्ध दोनों के लिए सुरक्षित पाई गई है।
समीक्षा बैठक में मैलानी रेंज वनविभाग के रेंजर के पी सिंह बफर जोन दुधवा नेशनल पार्क,राजेश प्रताप सिंह सेंचुरी दुधवा नेशनल पार्क,पतिराज सिंह,उदयराम कुशवाहा,वन दरोगा शशि भूषण श्रीवास्तव,राम प्रताप राणा,गणेश शंकर शुक्ल,वनरक्षक अवधेश कुमार,राजेश कुमार यादव आदि मौजूद रहे।




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