बंडा चार माह में तीन लोगों को बाघ ने बनाया अपना शिकार
- Jan 20, 2019
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संवाददाता ब्रजलाल कुमार कृष्णा
बंडा/शाहजहांपुर।क्षेत्र से सटे जंगल में शौच को गये युवक को चीता ने अपना निवाला बना लिया।उक्त क्षेत्र में जंगली जानवर के शिकार की दूसरी घटना है। इससे पूर्व जंगल गये ग्रामीण को वाघ अपना निशाना बना चुका है।
जानकारी के मुताबिक ग्राम नवदिया बंकी पश्चिम निवासी शिवकुमार पुत्र हरिपाल अपनी मौसी,मामी व बहन के साथ वनबीट नवदियाबंकी जंगल में रह रहे अपने नाना के घर आया था।सुबह चाय पीने के बाद लगभग 6बजे शिवकुमार शौच के लिए जंगल गया था। काफी देर तक वापस नहीं लौटा। उसके वापस न लौटने पर परिजनों को चिंता होने लगी। इसके बाद ग्रामीण व परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू कर दी। खोजबीन के दौरान लगभग 9बजे कुछ दूरी पर बैठा चश्मदीद पालतू कुत्ता इधर उधर दौड़ रहा था।वह बार बार एक जगह पर बैठता फिर झाड़ी की ओर दौड़ता। परिजनों ने पास जाकर देखा तो वहां पर खून से लथपथ चप्पल व खून पड़ा था।खून के निशान के पीछे पीछे घर से 30मीटर की दूरी जाने पर शिव कुमार दिखाई दिया। आगे बढ़कर देखा तो एक चीता शिवकुमार के शव को नोंच-नोंच कर खाने के बाद बैठा था।चीते ने उसके नीचे का धड़ पूरी तरह से साफ कर दिया था। ग्रामीणों ने उसे भगाने का प्रयास किया। लेकिन वह हमलावर होने लगा। ग्रामीणों ने किसी तरह शोरगुल व पटाखे दगाकर चीते को भगाया। शिवकुमार की मौत से पत्नी अंजली व चार वर्षीय पुत्री राधा सहित परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। शिवकुमार की शादी 5वर्ष पूर्व हुई थी। सूचना पर मौके पर पुलिस व वनविभाग के एसडीओ महेन्द्र नारायण सिंह,रेंजर रणवीर मिश्रा पहुंचे।वन विभाग की ओर से मृतक के परिजनों को 20हजार रुपए की त्वरित सहायता राशि दी गयी।मृतक के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार वन अधिकारियों को चीता के गन्ने के खेत,नहर, गौशालाओं के पास विचरण की सूचना दी गई।एसडीओ महेन्द्र कुमार ने बताया कि घटना बफर जोन के अन्दर घटित हुई है।इस घटनाक्रम के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। फिलहाल क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।शाम पांच बजे के बाद ग्रामीण घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
बताते चलें कि लगभग एक माह पूर्व 20दिसंबर को इसी वनबीट नवदियाबंकी जंगल में खरपतवार काटने गये ग्राम बरी निवासी उदय राज को वाघ का शिकार बनना पड़ा था।जिसका शव जंगल में नहर के किनारे मिला था। जहां पर वाघ मौजूद था। इसके बाद भी वनविभाग जंगल में आम लोगों की आवाजाही रोकने में लापरवाही बरत रहा है।








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