चकबन्दी अधिकारी ने मिठाई के नाम पर बुजुर्ग से दो लाख रुपये मांगे
संवाददाता। (देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा)
शाहजहांपुर बन्दोबस्त चकबन्दी अधिकारी सदर दुर्गेश यादव पर एक 92 वर्षीय बुजुर्ग ने भ्रष्टाचार एवं मिठाई के नाम पर दो लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया, बुजुर्ग ने आय से अधिक सम्पत्ति एवं भ्रष्टाचार के मामले जांच कराने की मांग जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह से की है।
बतादें कि ग्राम लाड़पुर सरांय परगना व थाना कॉट तहसील सदर निवासी दानसिंह उम्र करीब 92 वर्ष पुत्र शिवलालसिंह जिला अधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह को सोमवार दिनांक 18 नवंबर को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसके सगे चचेरे बाबा देवीसिंह पुत्र कढ़ेरसिंह थे, जिनकी वारिस बताशो को वहैसियत बेबा भूमि प्राप्त हुई, देवीसिंह से बताशों को कोई बच्चे नहीं थे, बताशो ने अपने पति देवीसिंह की मृत्यु के बाद करीब 1965 में पुत्तूसिंह पुत्र धम्मीसिंह से पुर्नविवाह कर लिया। बताशो का पुत्तूसिंह के साथ किया गया पुर्नविवाह न्यायालय परगना अधिकारी सदर शाहजहाँपुर से लेकर मा० न्यायालय बोर्ड आफ रेवेन्यु इलाहावाद के पारित निर्णय दिनांक 13.02.1995 से सिद्ध माना गया जो कि आदेश अन्तिम हो चुका है। इस लिए देवीसिंह के वारिस शिवलाल सिंह हुए जोकि उसके पिता थे, इस बात का मुकदमा धारा 229 बी0 में परगना अधिकारी सदर न्यायिक के यहाँ शिवलाल वनाम बताशो चल रहा था, जिसमें अन्तिम निर्णय तक का स्थगन आदेश पारित चला आ रहा है, जोकि चकबंदी आने पर दिनांक 22. 07.2024 को अवेट हुआ।
इधर बताशो के द्वारा पुत्तूसिंह जिससे बताशो ने पुर्नविवाह किया था, उसी के हक में देवी सिंह से मिली सम्पत्ति का बैनामा करा लिया पुत्तूसिंह ने दौरान मुकदमा स्थगन होने के बाबजूद राजीव सिंह व संजीव सिंह को बैनामा कर दिया, चकबंदी में उसके द्वारा सहायक चकबंदी अधिकारी के समक्ष उपजिलाधिकारी का उपशमन आदेश लगाकर उसके द्वारा अंदर मियाद आपत्ति प्रस्तुत कर दी गयी, लेकिन सहायक चकबंदी अधिकारी ने जानबूझकर ये जानते हुए कि उनके समक्ष खाता सं० 123 गाटा सं0 146 रकबा 0.308 हे० स्थित ग्राम लाड़पुर सरांय परगना कॉट तहसील सदर जिसकी आपत्ति पुस्तुत की जा चुकी है, फिर भी खाते का विभाजन कर दिया और उसकी पत्रावली को चकबंदी अधिकारी के समक्ष रेफर कर दिया जबकि सहायक चकबंदी अधिकारी को जब उनके समक्ष स्वामित्व के सम्बंध में विबाद था, तब उनको खाते के विभाजन का अधिकार नहीं था, यह काम सभी ने मोटी रकम लेकर किया।
उसके द्वारा सहायक चकबंदी अधिकारी के आदेश के खिलाफ बंदोबस्त अधिकारी के समक्ष अपील 0521/2024 दानसिंह वनाम राजीव सिंह आदि प्रस्तुत की इस अपील में साक्ष्य प्रमाणित नकले फेहरिस्त के साथ दाखिल की थी, चकबंदी अधिकारी के समक्ष लम्बित वाद की क्योरी भी प्रस्तुत की इन सब के बाद भी, दिनांक 18.10.2024 को बहश के बाद आदेश के लिये पत्रावली दिनांक 29.10. 2024 नियत की गयी, जब दिनांक 29.10.2024 को उसके पुत्र बलसिंह ने अपने साथी वीरप्रताप सिंह के साथ जाकर पेशकार से आदेश के बारे में पूंछा तो उन्होने साहब से मिल लेने को कहा, तब उसके पुत्र दुर्गेश यादव बन्दोबस्त चकबन्दी अधिकारी से मिले तो उन्होंने कहा कि मैं बिना मिठाई के कोई काम नही करता न मेरा मन लगता और मेरी मिठाई की कीमत आपको बता दी जायेगी, उसके बाद दिनांक 05.11.2024 तारीख लगा दी गयी, जब 05.11.2024 को बात की तो कुछ बोले बगैर 2 उंगली उठाकर कहा इतना ले आओ, पुत्र से बातों बातों में ही उक्त अधिकारी द्वारा बताया गया कि अगर तीन से चार किलो प्रतिदिन मिठायी का इन्तजाम नहीं हो तो उन्हें मजा नही आता कहा और यह भी कहा कि मेरी एक किलो मिठाई की कीमत 50 हजार होती है, आप थोड़ा कम करके दे सकते हो। उस ने उनसे कहा कि साहब मेरे बुढ़ापे का खयाल करिए और अभी तो पत्रावली मात्र रिमाण्ड ही होनी है, साक्ष्य आना है। तभी मुझसे कहा बाबा आप जाओ आर्डर देख लेना, और उक्त भ्रष्ट भ्रष्टाचार में लिप्त दुर्गेश यादव बन्दोबस्त चकबन्दी अधिकारी शाहजहाँपुर ने विपक्षी जोकि ग्राम प्रधान रहा है, से मोटी रकम लेकर विधि विरूद्ध आदेश पारित कर दिया। उक्त आदेश का तो रिवीजन किया जा रहा है परन्तु अगर इन अधिकारी महोदय की मिठायी इतनी मंहगी है तो इनकी अब तक की इकट्ठी की गयी मिठायी के रूप में सम्पत्ति की जॉच भी होना अति आवश्यक है। वो काफी परेशान होने के बाद शोच विचार के बाद कि इस भ्रष्ट अधिकारी को इसके भ्रटाचार के लिये उसकी शिकायत किया जाना अन्य कमजोरों को भ्रष्टाचार से बचाने के लिये दण्डित कराया जाना नितांत आवश्यक है। इस कारण वो शिकायती प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रहा है। भ्रष्टाचार में लिप्त दुर्गेश यादव बन्दोबस्त चकबन्दी अधिकारी शाहजहाँपुर के विरूद्ध आय से अधिक सम्पत्ति एवं उपरोक्त किये गये अवैध कृत्य की उच्चस्तरीय जॉच करवाकर मुकदमा दर्ज करवाकर कार्यवाही कराए जाने की कृपा की जावे। वही जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बुजुर्ग को स्वयं जांचकर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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