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कूटरचित दस्तावेजों से करोडों की जमीन का फर्जी बैनामा करने का आरोप, रिपोर्ट दर्ज, बैनामा पर रोक के बावजूद उप निबंधक कार्यालय जलालाबाद से हो गई रजिस्ट्री

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(देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा)


जलालाबाद-शाहजहांपुर। कूटरचित दस्तावेजों से करोडों की जमीन का फर्जी बैनामा करने का मामला प्रकाश में आया है, आरोप है कि बैनामा पर रोक के बावजूद उप निबंधक कार्यालय जलालाबाद से पांच बीघा जमीन की रजिस्ट्री हो गई। शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है।


बतादें कि जलालाबाद नगर क्षेत्र में स्थित करोड़ों रुपये की जमीन का कुछ लोगों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों को तैयार कराकर कतिपय कारणों से उपनिबंधक कार्यालय में बैनामा कराया गया बताया जा रहा है कि न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है। और बैनामा नही करने का आदेश उप निबंधक कार्यालय जलालाबाद को जारी किया गया था। उसके बाद भी जमीन की रजिस्ट्री हो गई। जलालाबाद नगर के मोहल्ला युसुफजई निवासी शिकायतकर्ता सरताज शाह पुत्र मस्सू शाह ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उसके पिता मस्सू शाह पुत्र हस्सू शाह की जलालाबाद में गाटा सं०- 543, रकवा- 0.210 हेक्टेयर व गाटा सं०-548, रकवा -0.142 हेक्टेयर पर विगत 60 वर्षों से काबिज चले आ रहे हैं। उनका नाम भी खतौनी में श्रेणी 9 में दर्ज चला आ रहा है। उनके द्वारा संक्रमणीय भूमिधर बनने के लिए मुकदमा भी न्यायालय उपजिलाधिकारी जलालाबाद के यहां धारा-144, उप्र राजस्व संहिता के अन्तर्गत विचाराधीन है। प्रतिवादीगण मेघनमल व बु‌द्धामल पुत्रगण बच्चूमल तथा मूलचन्द्र पुत्र सीरुलाल एवं भम्मा पुत्र मूलचन्द्र तथा कीरतमल पुत्र मूलचन्द्र जोकि मोहल्ला छपाली, किम्मा गली, शहर इटावा के रहने वाले थे। वो विगत कई वर्षों से जलालाबाद नहीं आए और न ही उन्होने भूमि पर कभी कब्जा लेने की कोशिश की। उनके विरुद्ध एकपक्षीय कार्यवाही भी न्यायालय द्वारा की जा चुकी है। न्यायालय उपजिलाधिकारी जलालाबाद द्वारा दिनांक 18 जनवरी 2023 को एक स्थाई निषेधाज्ञा इस आशय की जारी की जा चुकी है। जिसमें उक्त गाटाओं के सम्बन्ध में मुकदमा निस्तारण तक उपनिबन्धक कार्यालय द्वारा कोई भी दस्तावेज का पंजीकरण न किया जाए जिसकी लिखित सूचना उपनिबन्धक कार्यालय जलालाबाद को दी गई थी।

बैनामा करने पर रोक के बावजूद उप निबंधक कार्यालय जलालाबाद में क्रेता नवीन कुमार पुत्र नारायणदास निवासी मोहल्ला अम्बेडकरनगर, जलालाबाद ने एक कूटरचित विकय पत्र दिनांक 24 सितम्बर 2024 को दाखिल किया है। जिसमें फर्जी व्यक्तियों जिसमें भम्मा पुत्र मूलचन्द्र व मूलचन्द्र पुत्र सीरुलाल तथा बुद्धामल पुत्र बच्चूमल निवासी मोहल्ला छपाली किम्मा वाली गली तहसील व जिला इटावा प्रदर्शित किया गया है। इसमें बतौर दो गवाह जलालाबाद अंकित है। विक्रम पत्र में विक्रेतागणों ने अपने मूल आधार कार्ड में अपने मूल नाम व उम्र हटाकर फर्जी भम्मा, मूलचन्द्र, बुद्धामल के नाम जोड़कर उपनिबन्धक कार्यालय जलालाबाद में विक्रय पत्र को पंजीयन कराया। इस प्रकार विक्रेतागण के प्रस्तुत फर्जी आधार कार्ड बनाकर कूटरचना कर कृषि भूमि जो प्रार्थी के मृतक पिता मस्सू शाह के नाम पर है को हड़पने के लिए समस्त कूटरचना की गई है। जबकि वास्तविकता में वो एवं उसके अन्य भाई इस जमीन के उत्तराधिकारी हैं। क्रेता नवीन कुमार पुत्र नारायणदास एवं उसके पुत्र प्रवीन कुमार व दो गवाह जिनके द्वारा फर्जी लोगों की असली रुप में पहचान की है। आरोप है कि बैनामे का पंजीयन उपनिबन्धक कार्यालय के अभिलेखो में बही सं0-1 जिल्द संख्या-8423 के पृष्ठ-347 से 362 तक क्रमांक-4758 पर दिनांक 24 सितम्बर 2023 को दर्ज किया गया है। इस प्रकार फर्जी व्यक्तियों द्वारा असली रुप में प्रदर्शित करते हुए बहुमूल्य सम्पत्ति को हड़पने के लिए आधार कार्ड में कूटरचना कर विकय पत्र तैयार कर पंजीकरण कराया गया है। करोडों की जमीन पर कब्जेदार सरताज शाह ने पुलिस से सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्जकर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की।


वही जलालाबाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर उक्त सभी आरोपियों के विरूद्ध बीएनएस 2023 की धारा 318 (4), 336 (3), 338 व 340 (2) में मुकदमा दर्जकर जांच पड़ताल शुरू की है।

फिलहाल पुलिस ही वास्तविकता का पता लगाएगी कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आखिर कैसे उपनिबंधक कार्यालय में यह फर्जीवाड़ा किया गया।

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