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परिवार को टूटने से बचा रहा जलालाबाद महिला पुलिस परामर्श केंद्र, तीन दंपतियों के बीच कराया समझौता, सभी खुशी-खुशी साथ घर लौटे

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जलालाबाद-शाहजहांपुर, संवाददाता।

(देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा)


आजकल भागदौड़ और तनाव से भरी जिंदगी के बीच छोटी-छोटी बातों को दिल पर लेकर पति पत्नी के बीच रिश्तों में दरार पड़ रही है, नए शादीशुदा जोड़ों से लेकर कई परिवार थानों पर अपनी शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं। ऐसे में महिला पुलिस परामर्श केंद्र जलालाबाद की टीम उनके बीच के मनमुटाव को खत्म कर उनके दिलों को जोड़ने का काम कर रही है। कई मामलों में ऐसा होता है कि शादी-शुदा जोड़ों के बीच अनबन हो जाती है। थानों पर रोजाना पति-पत्नी के विवाद के ऐसे तमाम मामले सामने आते हैं। इन विवादों को सुलझाने और टूट रहे दिलों को जोड़ने का काम यूपी की महिला पुलिस कर रही है। दरअसल, अक्सर देखा गया है कि नए दांपत्य जोड़ों के बीच वैवाहिक जीवन में लड़ाई-झगड़ा इस कदर बढ़ गया है कि वह विवाद पहले पुलिस और फिर बाद में कोर्ट कचहरी तक पहुंच जाता है।

महिला पुलिस परामर्श केन्द्र प्रभारी चन्द्रा टम्टा ने अपनी सहयोगी आंचल नेहरा व मोनी मिश्रा के सहयोग से तीन परिवारों को टूटने से बचाकर उनका समझौता कराकर उन्हें हंसी-खुशी साथ घर भेजा। जिसमे थाना कलान क्षेत्र में एक महिला की ससुराल है, महिला का मायका थाना दातागंज बदायूं में है, दोनों पक्षों को बुलाकर समझाया दोनों दम्पत्ति एक साल से अलग रह रहे थे, दूसरा प्रकरण मदनापुर थाना क्षेत्र के एक दम्पत्ति का समझौता कराया, तीसरा प्रकरण अल्हागंज थाना क्षेत्र के पति-पत्नी का था, उनका मन मुटाव चल रहा था दोनों की काउंसलिंग कर समझौता कराया।


ज्यादातर केसों में देखा गया है कि पति-पत्नी के बीच एक दूसरे से अनबन और मनमुटाव होता है और इसी का खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। गुस्से में महिला पति समेत ससुराल पक्ष पर घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज कराती है घरेलू हिंसा वह हिंसा है जो पीड़ित के परिवार के किसी सदस्य द्वारा की जाती है। लेकिन इसमें नजदीकी परिवार के सदस्य, अन्य रिश्तेदार और पारिवारिक मित्र शामिल कर 'घरेलू हिंसा की धारा का इस्तेमाल किया जाता है और इसकी सजा निर्दोषों को भी मिलती है। कुछ ऐसे ही मामले हैं, जिन्हें अब परिवार महिला पुलिस परामर्श केंद्र के जरिए सुलझाया जा रहा है और इस बजह से घरेलू हिंसा के मामलों में गिरावट हुई है।


वही महिला परामर्श केंद्र प्रभारी चन्द्रा टम्टा के मुताबिक परिवार को टूटने से बचाने के बाद उनकी जिम्मेदारी वहीं समाप्त नहीं होती। परिवार को मिलाने के बाद यहां की महिला पुलिस टीम तथा परिवार परामर्श केंद्र से जुड़े लोग समय-समय पर परिवार के लोगों को फोन कॉल कर उनके हालचाल के बारे में जानकारी लेते रहते हैं। साथ ही उन्हें समय आने पर उचित सलाह के साथ मार्गदर्शन देने का काम करते हैं।

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