परिषदीय शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक संघों की संयुक्त बैठक आयोजित
(देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा की रिपोर्ट)
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ऋषिकान्त पाण्डेय ने परिषदीय शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक संघों की संयुक्त बैठक कों सम्बोधित करते हुए कहा कि विभागीय टैबलेट पर शिक्षकों से ली जाने बाली ऑनलाइन हाजिरी मौलिक अधिकारों का हनन है इसीलिए टैबलेट वितरण कार्यक्रम में भी संयुक्त समन्वय समिति से जुड़े संगठनों के कोई भी पदाधिकारी मंच साझा नहीं करेंगे और ना ही कार्यक्रम में शामिल होंगे, शिक्षक के सम्मान और हर समस्या के समाधान कों अब हर संगठन एकजुट होकर ही कार्य करे तभी संगठन की सार्थकता बनी रहेगी इसीलिए शाहजहाँपुर से शुरू हुयी यह संयुक्त समन्वय समिति गठन की पहले प्रदेश स्तर तक ले जायेगे ताकि लखनऊ में बैठे सभी शिक्षक नेता भी शिक्षक हित अपने वर्चस्व और अहम की जंग भूलकर शिक्षक हित में संयुक्त समन्वय समिति बनाकर काम करे।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला संगठन मंत्री अंकुर त्रिपाठी ने सुझाव दिया कि संघर्ष बड़ा है इसीलिए संयुक्त समन्वय समिति का उद्देश्य निरर्थक ना होने पाये इसके लिए पहले सभी संगठन अपनी जिला कमेटी की बैठक कर समन्वय समिति के लिए प्रस्ताव पारित कराये क्योंकि जो संगठन अभी भी हठधार्मिता नहीं छोड़ रहे है उन्हें भी अपनी भूल सुधार कर इस संयुक्त समन्वय समिति में आना होगा तभी शिक्षक नेता बनने का उद्देश्य पूरा होगा ज़ब शिक्षक का स्वाभिमान और सम्मान बचा पायेंगे
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष रत्नाकर दीक्षित के संचालन में हुयी मीटिंग कों विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजकमल आर्य और महामंत्री अनंत बाजपेई, उर्दू टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष जुबैर आलम, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के नवनीत सक्सेना, बीरपाल,महिला उपाध्यक्ष अम्बिका श्रीवास्तव, शिक्षा मित्र संघ से रामपूत पाल, सिकंदर खां, अनुदेशक संघ से रवि वर्मा और प्राथमिक शिक्षक संघ से जिला उपाध्यक्ष धीरज रस्तोगी और पल्लवी गुप्ता ने विचार रखे।
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