उमेद सिंह कश्यप के साथ बसपा नेता तनवीर सफदर भी हुए कांग्रेसी
2022 में हो सकते हैं ददरौल विधानसभा से विधानसभा प्रत्याशी
शाहजहांपुर/अभी कुछ दिन पूर्व कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद के भाजपा ज्वाइन करते ही कोठी से जुड़े कई कांग्रेसियों ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली थी लेकिन जितिन प्रसाद के भाजपा में जाते ही अब जिले में कांग्रेसियों ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं जितिन प्रसाद के भाजपा ज्वाइन करने के बाद कोठी तक सीमित रहने वाली कांग्रेस पार्टी लगातार जिले में पैर पसार रही है और लोगों का लगातार कांग्रेस ज्वाइन करना इसका जीता जागता सबूत है आपको बता दें मंगलवार लखनऊ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर 2014 में बहुजन समाज पार्टी से शाहजहांपुर जिले में लोकसभा के प्रत्याशी रहे वीरांगना फूलन देवी के पति उमेद सिंह कश्यप एवं बहुजन समाज पार्टी के मुस्लिम समाज के नेता कई बार मंडल कोऑर्डिनेटर सेक्टर प्रभारी एवं जिला प्रभारी रहे तनवीर सफदर ने भी कांग्रेस ज्वाइन कर ली है।
तनवीर सफदर एवं उमेद सिंह कश्यप के कांग्रेस ज्वाइन करते ही जिले में फिर एक बार राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं बताया तो यहां तक जाता है की ददरौल विधानसभा से तनवीर सफदर को कांग्रेस पार्टी द्वारा 2022 में विधानसभा प्रत्याशी बनाया जा सकता है वही उमेद सिंह कश्यप भी शाहजहांपुर जिले की राजनीति में फिर एक बार सक्रिय हो सकते हैं क्योंकि उमेद सिंह कश्यप 2014 में बसपा से लोकसभा प्रत्याशी रहे हैं तो इससे पूर्व एक बार कांग्रेश से भी लोकसभा प्रत्याशी रह चुके हैं जिनका जिले में एक अच्छा खासा जनाधार माना जाता है जो किसी भी पार्टी से चुनाव लड़े उनका समाज उनके साथ खड़ा दिखाई देता है
कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है बसपा
जिले में बहुजन समाज पार्टी से लगातार एक के बाद एक पार्टी छोड़कर अन्य पार्टी में जा रहे नेताओं की बात की जाए तो अधिकतर नेताओं ने एक ही आरोप लगाया है की पार्टी मोटी रकम लेकर टिकट देती है और कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही जमीनी स्तर से जुड़कर विधायक बनने तक की उम्मीद रखने वाले कार्यकर्ताओं का जब नंबर आता है तो उन्हें जिला पंचायत तक की टिकट नहीं मिलती बाहर से नेताओं को लाकर बसपा में टिकट देकर चुनाव लड़ाया जाता है यही एक कारण है की एक के बाद एक विधायक और सांसद बनने की उम्मीद रखने वाले बसपा के कार्यकर्ता पार्टी से किनारा कर रहे हैं इसमें चाहे बसपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे अरुण कुमार सागर हो या पूर्व में बसपा के जिला अध्यक्ष रहे दिनेश कुमार एडवोकेट हो या धीरेंद्र प्रसाद रहे हो सभी का पार्टी छोड़ने का एक ही कारण रहा तनवीर सफदर की भी उम्मीदों पर पानी फिर जाने के कारण उन्हें पार्टी से किनारा करना पड़ा ऐसे तमाम कार्यकर्ता पार्टी छोड़ने की कगार पर है जिनकी उम्मीदों पर पार्टी खरी नहीं उतर रही है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बसपा का एक और खेमा कांग्रेस ज्वाइन करने की जुगाड़ में है
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