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लोकतंत्र अपनाते हुए सम्यक पार्टी ने बदला अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष

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लखनऊ। लोकतंत्र अपनाते हुए सम्यक पार्टी ने बदला अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष देश में लगभग 3000 राजनैतिक पार्टियां पंजीकृत हैं किन्तु बहुत ही कम ऐसी हैं जिनमें राष्ट्रीय अध्यक्ष बदले और जिनका संगठन लोकतांत्रिक हो। सम्यक पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है इसीलिए इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बदल गए हैं।

पार्टी की स्थापना के 3 साल पूरे होने पर, 17 एवं 18 जून को पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन मांडा, प्रयागराज में आयोजित हुआ। कोरोना संकट और बरसात होने के कारण समारोह बहुत छोटा रहा किन्तु पार्टी ने 3 साल के एक कार्यकाल के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बदलाव कर दिया है। अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 35 अन्य पदाधिकारियों का चयन हुआ।

डॉ. शिवप्रसाद विश्वकर्मा पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज से हिन्दी विषय में पीएच.डी. हैं और छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। डॉ. विश्वकर्मा ओजस्वी एवं प्रखर वक्ता हैं। उनकी वैचारिकी में सदैव संगतता रही है और सदैव समतावादी राजनीति से जुड़े रहे हैं। वह पहले बसपा में थे किन्तु सोनेलाल पटेल से जुड़ने के बाद अपना दल में रहे। वह अपना दल के तीसरे नंबर के स्टार प्रचारक भी रहे हैं। इन पार्टियों में लोकतंत्र न होने के कारण सम्यक पार्टी से जुड़ गए और पार्टी की स्थापना के समय से ही पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव थे। वह विश्वकर्मा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

डॉ. विश्वकर्मा ने बताया कि सम्यक पार्टी इतिहास में स्वर्णिम लोकतंत्र की वैचारिक पद्धति को सिद्ध करके, लोकतंत्र स्थापित करने वाली, वंशवाद-परिवारवाद-जातिवाद से हटकर समता, बंधुता, मैत्री और करुणा का परचम लहराने वाली पार्टी बनेगी। लोकतांत्रिक संगठन के कारण यह राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन सकेगी और भाजपा तथा कांग्रेस का विकल्प बन सकेगी। सम्यक पार्टी शोषित, वंचित और बहुसंख्यक आम जनता की पूर्ण लोकतांत्रिक पार्टी के रूप में तेजी से फैल रही है क्योंकि इसके मुद्दे भी शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार, सुशासन आदि लोकतांत्रिक हैं।




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