शाहजहांपुर में जहाँ कोरोना चरम पर है तो वही कोरोना ड्यूटी कर रहे मेडिकल कॉलेज में 28 आउटसोर्सिंग मेडिकल स्टाफ की कालेज प्राचार्य ने तत्काल प्रभाव से सेवाएं समाप्त कर दी है। इतना ही नही बीते 5 माह से उनको वेतन भी नही दिया और बिना नोटिस के उनकी सेवाए समाप्त कर दी। नौकरी के अचानक निकाले जाने से परेशान आउटसोर्सिंग मेडिकल स्टाफ ने आज जिलाधिकारी कार्यालय अपनी आवाज बुलंद करते हुए डीएम से न्याय की गुहार लगाई है इस दौरान आउटसोर्सिंग मेडिकल स्टाफ ने बताया की वह हर्ष इंटरप्राइजेज लखनऊ की ओर से शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में लगाए गए थे जॉइनिंग कराते समय ₹16000 सैलरी बताई गई थी और स्थाई रूप से शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में कार्य करने को बताया गया था लेकिन जॉइनिंग के बाद उनको पांच महीने से कोई सैलरी भी नही दी गई। और अब अचानक यह कहकर निकाल दिया कि कोरोना डयूटी के लिए उनको लगाया गया था। मेडिकल स्टाफ ने आरोप लगाया है जॉइनिंग से पहले उन लोगों से लाखों रुपए की घूस भी ली गई है जिसका उनके पास कोई सबूत नहीं है। अचानक नौकरी से निकाले जाने पर उन आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है वही जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह पूरे मामले की जांच कराकर कार्यवाही कराने का आश्वासन दिया है।
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