दु:खियारी माँ बेटे के इलाज के लिए घर का सामान तक बेच चुकी है।
(देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा)
शाहजहाँपुर। ब्लॉक भावल खेड़ा की ग्राम पंचायत रौरा से एक ऐसा मामला सामनें आया है। जिसे कुदरत की मार कहा जाए या किस्मत का लेखा। हमारे देश की सरकारें भले ही लंबे लंबे वायदे कर रहीं हों लेकिन जमीनी स्तर पर उसकी हकीकत कुछ और ही है। जहाँ स्वास्थ्य योजनाओं के ढोल बजाकर अपनी पीठ थपथपानें वाली यूपी सरकार एवं उसके प्रतिनिधि विधायक मंत्री मात्र अपनें अपनें घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं लेकिन मजबूर लाचार माँ की बेबसी किसी को दिखाई नहीं पड़ रही है।
इसका ताजा उदाहरण रौरा गांव निवासी गरीब विधवा बुजुर्ग मंजू देवी जोकि अपने 18 वर्ष के बेटे के इलाज के लिए इधर-उधर भटक रही है और उसे कहीं से कोई मदद नहीं मिल पा रही है, विधवा मंजू देवी के पति की 30 साल पहले मौत हो चुकी है। पति की मौत के बाद दो बेटियों की शादी की और एक 18 वर्षीय बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रही है। लाचार माँ जिनके पास न रहने के लिए छत है, और ना ही शौच के लिए शौचालय, ना कोई पेंशन योजना वैसे तो ग्राम प्रधान से लेकर समाजसेवी, जनप्रतिनिधि सोशल मीडिया पर मानवता की मिसाल पेश करते आये दिन नजर आते हैं, लेकिन इस गरीब परिवार की दास्तान सुनने वाला कोई नहीं पीड़ित बुज़ुर्ग मंजू देवी अपने बेटे के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खाती फिर रही है, अपने कलेजे के टुकड़े को बिस्तर में तड़पता देख मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। दु:खियारी मां बेटे के इलाज के लिए अपने घर में रखा सामान तक बेच चुकी है और बेटे के इलाज में लगा चुकी यह बुजुर्ग माँ अब धनराशि खत्म होने के बाद बेबस होकर अपने बेटे को घर ले आई है। विधवा मंजू देवी 60 वर्ष पत्नी राम अवतार ने रो-रो कर अपना दु:ख बताया कि, एक बेटा और दो बेटियां हैं, बेटियों की जैसे तैसे गांव बालों के सहयोग से शादी कर उनके हाथ पीले कर दिये लेकिन 18 वर्षीय लड़का पप्पू है, जो आज करीब 2 महीने से चारपाई पर बीमार पड़ा हुआ है। उसका शरीर के कमर का निचला हिस्सा काम नहीं कर रहा है, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। जिससे की उसका इलाज कराया जा सके। बेटे के इलाज के लिए जगह-जगह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर इस बुजुर्ग महिला के जख्म को भरने वाला नहीं मिल पा रहा है। शासन प्रशासन के तमाम दावे हवा हवाई साबित होते दिख रहे है। परिवार से मोवाइल नंबर 8400701967 एवं 9350471421 के माध्यम से सम्पर्क किया जा सकता है।
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