समीर खान
ठंड से मरी महिला पर प्रशासन ने झाड़ लिया अपना पलड़ा
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सरकारी अनुदान के नाम पर उप जिलाधिकारी ने मात्र 20 किलो गेहूं 10 किलो चावल और 1 लीटर मिट्टी का तेल देकर चलते बने जलालाबाद/शाहजहांपुर (एसएनबी) बीते दिवस ग्राम गुनारा निवासी कमला देवी 40 वर्ष पत्नी गंगाराम की शीत लहर और ठंड के कारण मृत्यु हो गई थी और अपने चार नाबालिग बच्चों को भगवान भरोसे छोड़कर मौत को गले लगा लिया था ! जानकारी के अनुसार कमला देवी बीते कई वर्षों से मेहनत मजदूरी करके क्षेत्र के विभिन्न गांव में जा जाकर किसी के बर्तन मांजना तो किसी के घर के कपड़े धोना तो किसी के अन्य कार्यों को करके अपने बच्चों का भरण पोषण करती थी ग्रामसभा गुनारा में लगने वाला वह मजरा जिसे कोठी वाले बाग के नाम से जाना जाता है इस महिला की इसी गांव में एक टूटी झोपड़ी पड़ी हुई है ! गांव वालों की अगर मानो तो उनसे जब इस महिला के बाबत जानकारी की गई तो मोहल्ले के लोगों ने बताया इसका पति गंगाराम कई वर्षों पहले तेज बुखार आने के कारण मानसिक रोगी हो गया था उसके पश्चात यह महिला अपने चारों बच्चों का भरण पोषण तेरी मेरी मेहनत मजदूरी करके करती रही 5 वर्षों से झेल रही उन कष्टों को छोड़कर इस महिला ने मौत को गले लगा लिया ! गांव वालों का यह भी मानना है की कमला कई बार आवास वह अपनी पेंशन के लिए फरियाद लेकर तहसील दिवस से लेकर उप जिला अधिकारी से लेकर ग्राम प्रधान के घर के चक्कर काटती रही परंतु इस बेबस मां पर किसी को तरस नहीं आया बीते 1 सप्ताह पहले घरों में बर्तन मांजने का कार्य करते करते पानी से अधिक भीगने के कारण यह सर्दी का शिकार हो गई और इसने अपने हालात और अपनी बेबसी से लड़ते-लड़ते भ्रस्पतिवार की रात्रि में अंतिम सांस ली ! सूचना पाकर मौके पर प्रशासनिक अधिकारी उपजिलाधिकारी सतीश चंद्र पहुंचे और जांच कर मीडिया से बताया की इसकी मृत्यु सर्दी के कारण नहीं बल्कि लंबी बीमारी के चलते हुई है और साथ ही उसके चार नाबालिग बच्चों राजू शिवम सुमित और छोटे बेटे पर्वत को अनुदान के नाम पर मात्र 20 किलो गेहूं 10 किलो चावल और 1 लीटर मिट्टी का तेल देकर चलते बने ! इस घटना के पश्चात क्षेत्र के लोगों में प्रदेश सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति रोष पनप रहा है और वक्त रहते अगर सरकार ने इस ओर ध्यान न दिया तो निश्चित ही यह स्थिति भयावह होने की संभावना है
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