ब्युरो प्रमुख प्रमोद सिंह, उन्नाव।अवध एक्सप्रेस संपादक एवं स्वतंत्र भारत हिन्दी दैनिक के ब्यूरो चीफ मनोज सिंह सेंगर के आकस्मिक निधन की खबर ने मीडिया जगत के साथ साथ समर्थकों को झकझोर कर रख दिया।वह एक कुशल मीडिया संचालक के साथ साथ अपनी कार्यशैली से समर्थको के बीच लंकेश नाम से काफी लोकप्रिय थे।
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विरोधियों में जहाँ उनकी छवि एक दबंग के रूप में थी वही गरीबों, असहायों के लिए वह किसी मसीहा से कम नही थे।दर्जनों परिवारों के भरण पोषण के स्रोत लंकेस एक कुशल राजनीतिज्ञ व अद्वितीय समाजसेवी भी थे। प्रकाश पर्व दीपोत्सव के दिन रविवार को भोर पहर जैसे ही मनोज सिंह सेंगर के आकस्मिक निधन की खबर मीडिया जगत में आई मीडिया जगत के साथ साथ पूरे जनपद में उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई।
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प्रतिदिन लोगो तक खबर पहुंचाने वाले के खुद खबर बन जाने की खबर से हर कोई स्तब्ध था।सुबह से ही समर्थकों ने अपने अपने सम्पर्क सूत्रों से खबर की पुष्टि करना शुरू कर दिया खबर की पुष्टि होते ही दीपावली की खुशियां गमगीन माहौल में तब्दील हो गई।जनपद के ग्राम माँखी में पिता मुलायम सिंह सेंगर के घर 2 अक्टूबर 1970 को द्वितीय पुत्र के रूप में जन्मे श्री सेंगर का जीवन काफी संघर्षों भरा रहा ।शैक्षिक जीवन के बाद मनोज सिंह सेंगर स्वव्यवसाय से जुड़ गए ।
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अपनी माता चुन्नी देवी को प्रधान व जिलापंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाने के साथ ही मनोज सिंह सेंगर का जनपद की राजनीति में पदार्पण हुआ। सन2012-13में मनोज सिंह जनपद के विकास खण्ड मियागंज के ब्लॉक प्रमुख बने तथा सफल कार्यकाल पूरा किया ।
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सन 1997 में सेंगर स्वतन्त्र भारत हिन्दी दैनिक अखबार के नगर संवाददाता के रूप में मीडिया जगत से जुड़े तथा सन 1998 में वह स्वतन्त्र भारत के ब्यूरो चीफ उन्नाव बने।कालान्तर में सन 2006 में दैनिक सांध्य अखबार अवध एक्सप्रेस को क्रय कर प्रधान संपादक के रूप में अपनी बेबाक सम्पादकीय एवं कुशल नेतृत्व से अपना लोहा मनवाया।लगभग इसी समयावधि में सेंगर का समाज सेवा में भी जुड़ाव हुआ। सन 2002 से 2017 तक चार बार जनपद की तीन विधानसभा से अपने बड़े भाई कुलदीप सिंह सेंगर के चुनाव संचालन की बागडोर सम्हाल कर उनके विधायक बनने में अपने कुशल संचालन का परिचय दिया। जनपद में मनोज की छवि विरोधियो की नजर में एक बाहुबली या दबंग के रूप में थी वही गरीबों व असहायों के लिये वह मसीहा थे।यही कारण है कि जनपद के दर्जनों परिवारों की आजीविका एव उनके भरण पोषण के संसाधनों के प्रेरणा स्रोत थे जनपद में लंकेश की लोकप्रियता का अंदाजा उनकी अंत्येष्टि में क्षेत्र के परियर घाट पर सांसद साक्षी महाराज , विधायक बिठूर सांगा ,सफीपुर विधायक बम्बालाल , पुरवा विधायक अनिल सिंह , सदर विधायक पंकज गुप्ता , बार एसोसिएशन के वकील, विभिन्न राजनीतिक दलों के छोटे बड़े पदाधिकारी, जनपद के समस्त छोटे बड़े संस्थान के पत्रकार साथियों सहित उमड़ी चालीस पैतालीस हजार समर्थको की भीड़ से लगाया जा सकता था। गत वर्ष 2018 में बड़े भाई बांगरमऊ विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व छोटे भाई अतुल सिंह पर लगे आरोपों के बाद मनोज सिंह लगातार परिवार को संभालने के साथ भाइयों की पैरवी में लगे थे जिसके चलते वह प्रायः दिल्ली में रहते थे जहाँ गत 27 अक्टूबर को अस्पष्ट कारणों के चलते उनका असामयिक निधन हो गया।28 अक्टूबर को पैरोल पर आए बांगरमऊ विधायक व छोटे भाई अतुल सिंह ने मनोज सिंह का अंतिम संस्कार किया ।मनोज सिंह सेंगर अपने पीछे पत्नी,पुत्र अमन सिंह व एक पुत्री छोड़ गए है।
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