विसर्जित हुए गजानन। गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आना, के साथ ही विसर्जन किये गए गणेश जी।
जवा/ जवा में वर्षो से आस्था का प्रतीक बने गणेश उत्सव समिति जवा में 10 दिन से चल गणेश उत्सव स्थापना के अवसर पर समिति द्वारा 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत का शुभारंभ गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर कलश यात्रा,कलश भगवान श्री गणेश जी मूर्ति की स्थापना वेदी व्यास पूजन कर शुभारंभ 3 सितंबर को किया गया ।जिसका समापन एवं भंडारे का कार्यक्रम 11 सितंबर को हुआ । कथा वाचक आचार्य अनिल कृष्ण शास्त्री द्वारा श्रद्धालुओं को प्रवचन के माध्यम से कहा कि माता पिता ही इस धरा के साक्षात् भगवान है उनकी सेवा से ही सारे तीर्थो का फल समाहित है । हमे अपने माता पिता की ही सेवा करनी चाहिए।अगले दिन की कथा वाचक में आचार्य ने प्रवचन में कहा कि, आज के समय में पैसे के लिए भाई भाई का दुश्मन है लेकिन दुनिया में भाई से बड़ा हितैसी कोई नही है, इसलिए माँ बाप के बाद अपने भाई का सम्मान व आदर करना चाहिए और उनकी बातें सुननी चाहिए। ऐसे ही मधुरमयी वचन सुन कर श्रद्धालु मनमुग्ध हो जाते है । श्रद्धालुओं में चक्रधर सिंह (कांग्रेस नेता,)दिनेश सोलंकी, डॉक्टर के के तिवारी, भूपेंद्र सिंह, दिवाकर सोनी, पत्रकार कुशमेंद्र सिंह, कुंजबिहारी गौतम, रामसजीवन सिंह, मानिक चंद्र सोनी, ज्ञानप्रकाश शुक्ल इत्यादि लोग मौजूद रहे। भंडारे दिन गणेश उत्सव समिति के सदस्यों ने सभी लोगो को भंडारे का प्रसाद ग्रहण करा कर आशीर्वाद लिए। आयोजकों में जनपद सदस्य श्रीमती स्नेहलता तिवारी, भवर तिवारी,बिंदु पाठक, विनय कुमार सेन, भूपेंद्र सिंह, विजय सोनी, सुरेश मिश्र आदि गनेश उत्सव समिति के सदस्य उपस्थित रहे। और आज बड़े ही धूम धाम से गणेश जी मूर्ति को जवा टमस नदी में प्रवाहित किया गया। रिपोर्ट/ राजू मौर्य के साथ कुशमेंद्र सिंह रीवा
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