*अपनो पे रहम गैरों पर सितम की तर्ज पर चल रही कोतवाली पुलिस*
*आखिर क्यों नहीं लिखी गई रिपोर्ट*
*तहरीर को डाला ठंडे बस्ते में हत्या के मामले को लीपा-पोती में लगी खीरी पुलिस*
*मृतक के परिजनों ने जताई थी, पुलिस पिटाई से मौत होने की आशंका,पी.एम रिपोर्ट में डूबने से मौत*
*एस.पी.तिवारी
*लखीमपुर-खीरी*।पुलिस महकमा उस समय हाथ पांव फूल गए थे जब *अभिषेक मित्तल उम्र 23 वर्ष* के परिजनों ने कोतवाली सदर में किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए *दिनांक 28 10-2018 को मुकदमा अपराध संख्या 127 2/18 पर गुमसुदगी दर्ज कराई* थी।अभिषेक के परिजनों ने बताया था कि *उसका भाई अभिषेक अपने मित्रों शैलेंद्र, शालिकराम,हेमू और राजन* निवासी राजगढ़ के साथ दिनांक 27-10- 2018 को गांव पिपरिया गया था उसी दिन *क्राइम ब्रांच के प्रभारी प्रदीप सिंह द्वारा अपनी टीम के साथ ग्राम पिपरिया* के एक मकान पर छापा मार कार्यवाही करते हुए *लगभग 13 जुआरियो* को मौके से पकड़ने में सफलता प्राप्त की थी जिसमें उसके *अभिषेक मित्तल को भी दौड़ा कर पकड़ लिया* गया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने जुआरियों के साथ मारपीट कर उनको *एलआरपी पुलिस चौकी* ले आई और दो जुआरी *चौकी से भगा* भी दिए गए, *11 जुआरियों को जेल भेज* दिया गया लेकिन *अभिषेक मित्तल का कहीं पता नहीं* चला यह खबर जैसे ही कोतवाली सदर पुलिस को मिली पुलिस के हाथ पांव फूल गए *दिनांक 28-10-2018 को स्थानीय लोग एवम पुलिस दृारा घटना स्थल तालाब में डूबने की आशंका* जताई गई जिस पर गोताखोरों को बुलाकर पुलिस की मौजूदगी में अभिषेक मित्तल को ढूंढा गया।लेकिन अभिषेक का कहीं पता नहीं चला परिजनों ने *अगले दिन 29 अक्टूबर को पुनः 6 गोताखोरों को बुलाकर 5 -6 घंटे ढूँढा गया* लेकिन अभिषेक की बरामदगी नहीं हो सकी गोताखोरों द्वारा एलानिया और पूरी चुनौती के साथ सैकड़ों लोगों के सामने *तालाब में कोई भी बॉडी न होने की बात कही* उसी समय वहां पुलिस बल भी मौजूद था सभी लोग व परिजन थक हार व *निराश होकर जैसे ही अपने घर पहुंचे* ही थे कि पुलिस द्वारा सूचना दी गई। *अभिषेक का शव तालाब के किनारे बरामद कर लिया गया* मोहल्ले वासियों व परिजन जब मौके पर गए तो *देखा गया शव तालाब के किनारे पड़ा था पुलिस कर्मियों द्वारा पानी डाल कर शव को भिगोने का कृत्य चल* रहा था।यह देख जनता भड़क गई पुलिस द्वारा की जा रही *लीपा-पोती व साछ्य मिटाने* का विरोध करने पर *पुलिस व जनता के मध्य काफी विवाद* हुआ अंततः पुलिस ने अक्रामक रुख अपनाते हुए *अभिषेक मित्तल के भाई अमन मित्तल,अंकित मित्तल सहित कई अन्य महिला व पुरुषों पर बर्बरता पूर्ण लाठियां भांजी* गई। घटनास्थल से *जनता को बलपूर्वक तितर-बितर कर शव को अपने कब्जे में लेकर पी.एम हाउस* ले गए पुलिस की बर्बरता से आक्रोशित *मोहल्ले वासियों व परिजनों ने रात 8:00 बजे जिलाधिकारी खीरी* आवास पर एक प्रार्थना पत्र दिया था।जिसमें *क्राइम ब्रांच टीम प्रभारी प्रदीप सिंह सहित उनकी टीम पर हत्या का आरोप* लगाया था। *प्रत्यक्षदर्शियों व घटनास्थल उपलब्ध साक्ष्यों वीडियो एवं फोटो ग्राफ के अनुसार शव पर चोट के निशान थे तथा ताजा खून नाक व अन्य जगहों से निकल रहा* था जो कई अहम सवाल पैदा करते हैं और मारपीट की पुष्टि की ओर इशारा करते हैं।घटना के उत्पन्न *यक्ष प्रश्नों में सैकड़ों लोगों व पुलिस नेतृत्व में 6 गोताखोरों द्वारा 2 दिन तलाश* करने के बाद लाश नहीं मिली और फिर *चंद समय में तालाब के किनारे कहां से आ गया शव*,यदि तालाब के किनारे ही पड़ा था शव तो लोगों को क्यों नहीं दिखा *दूसरा यक्ष प्रश्न यह की 48 घंटे तक पानी में पड़ा रहा शव फूला क्यों नहीं* इसे फूल जाना चाहिए था।वही सबसे *अहम सवाल पंचनामा के समय चादर पर ताजा खून कहां लगा और मृतक के दाहिने हाथ में सफेद लावा कम्पनी का मोबाइल पकड़े हुए दिखाया गया। जो संदेह व्यक्त करने को काफी है डूबने वाला का मुंह और हाथ में मोबाइल रुक ही नहीं सकता* क्योंकि डूबते समय हर आदमी अपना बचाव करता है *हाथ पैर चलाता है तो दाहिने हाथ में मोबाइल कैसे रुका रहा ?* फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मृत्यु होने की पुष्टि हुई है पर उपलब्ध कई साक्ष्यों के आधार पर पीड़ित पक्ष पी.एम पर पक्षपात पूर्ण ढंग से मिलीभगत करके किए जाने के आरोप लगाए हैं और घटना की *निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी* से कराए जाने की मांग की है।यदि घटना को *सीबीआई जांच कराई* गई तो कई जिम्मेदारों की गर्दने फँसना तय माना जा रहा।
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