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आवारा पशुओं से फसल को बचाने गया व्रद्ध किसान, आवारा पशुओं की चढ़ा भेंट ।


हरदोई कछौना - कोतवाली कछौना के अंतर्गत ग्राम सभा गौहानी में बृहस्पतिवार की सुबह आवारा पशुओं से फसल को बचाने गए किसान को सांड ने पटक-पटक कर मार डाला। इस घटना से किसान, ग्रामीण, बच्चे भयभीत हैं। आवारा पशुओं की समस्या धीरे-धीरे जटिल होती जा रही है। फसल को नुकसान पहुंचाने के साथ लोगों की जान पर आ गई है। प्रशासन को सूचना पर कछौना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु जिला मुख्यालय भेज दिया। वहीं परिवारजनो का रो-रो कर बुरा हाल है।

बृहस्पतिवार की सुबह ग्राम गौहानी निवासी राज्जा पुत्र अंगने उम्र 66 वर्ष खेतों में फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए गए थे। इसी दौरान एक सांड ने पटक-पटक कर चुटहिल कर दिया। सिर व पैर में गंभीर चोटों से इनकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इनकी चीख पुकार से ग्रामीण जब तक मौके पर पहुंचे, तब तक इनके प्राण निकल चुके थे। ग्रामीण मेहंदी हसन, जब्बार, वारिस, सुलेमान, अली हसन, कप्तान ग्राम प्रधान, सुधीर कुमार ने बताया, आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसल काफी नुकसान हो रही है। जिस खेत में आवारा पशुओं का झुंड पहुंच जाता, उस खेत की फसल पूरी तरह चौपट कर देते हैं

सैकड़ों किसानों ने आवारा पशुओं के कारण खेत खाली छोड़ दिए हैं। इन आवारा पशुओं की चपेट में आने से एक दर्जन किसान बाबू सिंह, मुन्नू सिंह, रहीश, सुनीत, गंभीर रूप से चुटहिल हो चुके हैं। शासन-प्रशासन को दर्जनों बार इन आवारा पशुओं से फसल को बचाव व संवर्धन के लिए पत्र दे चुके हैं। परंतु सरकार द्वारा कोई प्रभावी कदम न उठाये जाने के कारण किसान काफी परेशान है। वह रात-रात जागकर फसल बचाने को मजबूर हैं। आवारा पशु किसानों के लिए नासूर बन गए हैं। वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया, इन पशुओं को पकड़ना वन विभाग का कार्य नहीं है। पशुचिकित्सा अधिकारी ने बताया, सरकार द्वारा गौवंश संवर्धन के लिए कोई अभी गाइडलाइन बजट नहीं है। अगर कोई सांड उदण्ड हो गया है। तब उसे बाधिया करने का प्रावधान है। वही गौ सरंक्षण केंद्र कागजों पर संचालित है। सरकार की उदासीनता का खामियाजा किसान को अपनी जान की कीमत देकर उठानी पड़ गई है। व्रद्ध व गरीब किसान रज्जा, आवारा सांड की चपेट में आने से दर्दनाक मृत्यु हो गई। वह अपने पीछे तीन पुत्र व तीन पुत्रियां छोड़ गये। परिवारजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। प्रशासन की उदासीनता से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।


रिपोर्टर राजपाल सिंह हरदोई



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