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*दलाल युक्त कोतवाली सदर,भय ग्रस्त आमजन*


*कोतवाली चला रहे कोतवाल के चंद कमाऊ कलमकार*


*लक्ष्मी जी मेहरबान तो क्या करें कोतवाल साहब*


*दिन भर व रात में भी कोतवाल के साथ ही गश्त करते देखे जा सकते हैं कोतवाल साहब के तीन वसूली एजेंट*







एस पी तिवारी/नित्यानंद बाजपेयी-लखीमपुर-खीरी


*लखीमपुर खीरी* -एक तो पुलिस वैसे भी कोई काम नहीं करती चाहे *पीड़ित पक्ष माथा पटक पटक कर मर जाए* दूसरे जब लक्ष्मी जी का चढ़ावा विपक्षियों की तरफ से मिल जाए फिर क्या कहना यह तो वही कहावत चरितार्थ होती है *एक तो करेला दूसरा नीम चढ़ा* कोतवाली पुलिस आजकल लगहर सी हो गई है, यदि आप अपने किसी काम से *कोतवाली सदर जा रहे हैं तो खबरदार हो जाइए नहीं तो आपको बेइज्जत होना पड़ सकता है* कोतवाली में घुसते ही सर्वप्रथम आपको कोतवाल द्वारा अधिकृत इन तीन कमाऊ दलालों की गणेश परिक्रमा करके अनुमत प्राप्त कर लें या *फिर इनको अपनी फरियाद सुना कर काम करवा सकते हो* यह *महानुभाव 24 घंटे कोतवाली परिसर से लेकर कोतवाल के आवास तक तथा रात 2:00 बजे कोतवाल महोदय के साथ बाहर सरकारी गाड़ी* में सड़कों पर गश्त करते देखे जा सकते हैं *सूत्रों की माने तो 80% कोतवाली संचालन* में इन कमाऊ पूतो का दखल रहता है कोतवाली पुलिस कुछ ऐसे कारनामों को अंजाम दे चुकी है जिससे हमेशा वर्दी दागदार रही है,जिससे निरंतर *खाकी का इकबाल गिरता जा रहा है*, जनता को सुरक्षा के लिए अपना इस्तकबाल बुलंद करने का ढिंढोरा पीटने वाली *पुलिस कोई न कोई ऐसा कारनामा कर देती है जिससे उसको की मुँह की खानी पड़ती है* ऐसे ही मामले की बात करें तो कोतवाली में कई ऐसे *पुलिस कर्मी है जो लगभग 2013 से जमे हुये है* और सिर्फ *अवैध शराब, व्यापारियों से वसूली,लकड़ी माफियाओं,सट्टा संचालक,मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों से वसूली* करने में व्यस्त रहते हैं ऐसा ही एक *मामला दिनांक 06-12-2018 की रात लगभग 9:30 बजे का* है,कोतवाली सदर पुलिस द्वारा *एक ठगी मामले की जांच करते हुए चार आरोपी राजेश, इसराफिल, छोटू,लल्लन निवासी सरवा थाना फूलबेहड़ को गिरफ्तार कर कोतवाली सदर लाई* थी जिसमें गिरफ्तार किए गए *आरोपी लल्लन की पत्नी महनाज* ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए कि हम लोग *अपनी बहू का इलाज करने फूलबेहड़ सी एच सी आए थे जहां फायदा न होने पर उसे महेवागंज स्थित शिफा नर्सिंग होम में भर्ती कराया था* उसी रात को कोतवाली सदर पुलिस ने हमारे घर पर *दबिश दी और दरवाजा किवाड़ तोड़ डाले तथा घर में रखे जेवर कीमत लगभग तीन लाख अपने साथ उठा लाए*, उसी रात समय करीब *11बजे महेवागंज स्थिति शिफा अस्पताल से मेरे पति लल्लन व दोनों लडको को भी पकड़ लाई*, घटना *शुक्रवार रात 8 बजे की है जब भास्कर संवाददाता नूरूद्दीन गौरी व नवीन अवस्थी उक्त मामले की* जानकारी कोतवाली गेट पर पहुँचे ही थे। गेट पर *खडे कोतवाल अशोक पान्डेय व उनके दो मातहत* मिले संवाददाता ने अपना परिचय देते हुए उक्त मामले की जानकारी चाही तो कोतवाल *सदर अशोक पान्डेय भडक उठे* और अभद्रतापूर्ण व्यवहार पर अमादा हो गये आक्रोशित कोतवाल ने *जानकारी बगैर देते हुए* अश्लील शब्दों का प्रयोग कर दिया।जब *दैनिक भास्कर ब्यूरो द्वारा इस मामले की जानकारी चाही* गयी तो कोतवाल अपने द्वारा किये गये अमानवीय व्यवहार को छुपाने की नियत से सोची-समझी पॉलिसी के तहत कहा यह लोग बगैर पूछे हवालात के पास जा रहे थे जबकि *कोतवाली में लगे सी सी टीवी कैमरे की फुटेज दिखलाई जाए तो इनका यह बयान फर्जी ही निकलेगा* मीडिया में मामला न पहुंचने पाए इसलिए यह कृत्य कोतवाल द्वारा जान बूझकर किया गया इस *मामले में मैनेज करने का खेल अंदर खाने चल रहा था* कोतवाल द्वारा जानकारी न देने व अभद्र व्यवहार करने से आहत *पत्रकार ने राज्य मानवाधिकार आयोग,पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सहित भारतीय प्रेस परिषद नई दिल्ली* को शिकायत कर मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने तथा आरोपी *कोतवाल सदर कोतवाली लखीमपुर* के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है।

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