*आखिर ठगी आरोपियों का कब होगा चालान*
*एस.पी साहिबा,पाँच दिन से कोतवाली सदर हवालात में बंद ठगी मामले के चार आरोपियों की कब कराएंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस*
*एस.पी.तिवारी/नित्यानन्द बाजपेई
लखीमपुर-खीरी।भले ही जिले की *नवागत पुलिस कप्तान श्रीमती पूनम ने कमान संभाल ली* है पर उनके मातहतों में कोतवाल सदर पर उनके ईमानदार व सख्त मिजाज का जरा सा भी भय दिखाई नहीं पड़ रहा है। कोतवाली सदर आज भी अपने अंदाज में ही चल रही है जिसका मुख्य कारण इनका रसूख होना बताया जा रहा है।सही भी है *जिले में तीन-तीन कप्तान बदल गए पर कोतवाली में तैनात कोतवाल साहब का तबादला न होना अपने आप में रहस्य बना* है। कोतवाल की मनमानी व हिटलर शाही के आगे पुलिस अधीक्षक ही नहीं विधि व्यवस्था में वर्णित धाराएं व नियम कानून भी बौने साबित हो रहे हैं।इनकी हिटलर शाही व मनमानी का एक मामला आजकल कोतवाली परिसर से लेकर शहर भर में चर्चा का विषय बना है सूत्रों द्वारा मिली जानकारी अनुसार कोतवाली सदर पुलिस द्वारा एक ठगी के मामले में *गुरुवार दिनांक 6 दिसंबर की रात लगभग 11:00 बजे तीन लोगों ने लल्लन,इसराफिल, छोटू निवासी ग्राम सरवा थाना फूलबेहड़ जिला खीरी,को महेवागंज स्थित शिफा अस्पताल* से गिरफ्तार कर कोतवाली लाया गया था।जबकि *चौथे मुख्य आरोपी राजेश को पुलिस पहले ही पकड़ चुकी थी आज पांचवा दिन है* और कोतवाल द्वारा आरोपियों को जेल नहीं भेज रही है *शायद आज मामला मैनेज हो जाए,कल हो जाए,यह करते हुये चार दिन गुजर गए पांचवा दिन* होने को है। लेकिन *कोतवाली पुलिस द्वारा चालान भेजने में कोई रुचि नहीं दिखाई* जा रही है जबकि विधि में वर्णित व्यवस्था अनुसार गिरफ्तार किए गए *अभियुक्तों को 24 घन्टे से 48 घंटे के,अन्दर सक्षम न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर* जेल भेजे जाने की व्यवस्था है।लेकिन यहां पर कोतवाली सदर में कानून का राज नहीं बल्कि कोतवाल साहब का अपना राज चलता है।यही कारण है कुछ चाटुकार पूरा दिन *कोतवाली में बैठकर गप्पे लड़ाते हुए कोतवाल के आगे पीछे* उनके आवास तक दौड़ लगाते रोजाना देखे जा सकते हैं।नवागत कप्तान द्वारा संज्ञान लिया जाए तो *कई थाना कोतवालियो में अरसे से जमा कोतवाल* सामने आएंगे जो कानून के चिथड़े उड़ाते देखे जा सकते हैं।अरसे से एक ही कोतवाली व थानो में जमे *कोतवाल सदर,एस.एच.ओ महिला थाना हंसमती, मैगलगंज कोतवाल,कोतवाल मोहम्मदी के नाम चर्चा* में है।क्या नवागत कप्तान उठाएंगी प्रभावी कदम, और लगायेगी लगाम यह तो समय ही बताएगा।फिलहाल बिगड़ी कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ न कुछ जरूर होना चाहिए।
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