Iरिपोर्ट, प्रमोद सिंह प्रिंस,
उन्नाव । जिलाधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में ‘‘ऋण जमा निगरानी समिति’’ की बैठक की गई। बैठक में वार्षिक ऋण योजना 2018-19 कि मार्च 2019 तक की प्रगति की समीक्षा की गई एवं बैंकवार व्यावसायिक आंकड़े मार्च 2019 तक की प्रगति पर समीक्षा की गई। जिसमें जिले में कुल अग्रिम के सापेक्ष कृषि ऋण में 51.66 प्रतिशत, एम0एस0एम0ई0 में 30.81 प्रतिशत, ओ0पी0एस में 8.33 प्रतिशत की पूर्ति की गई है।
जिलाधिकारी ने बैंकर्स को निर्देश दिये कि कृषि और रोजगार के क्षे़त्र को आगे बढ़ाने के लिये अधिक से अधिक लोन दिये जायें। उन्होंने कहा कि मिशन मोड बना कर कार्य करें ताकि लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि धान का समय आ गया है आपका जो लक्ष्य है उसे शीघ्र पूर्ण कर किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाये।
के0वी0आइ0सी0 (बोर्ड) का मार्च 2019 तक की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया गया कि योजना के अंतर्गत बैंकों के विभिन्न शाखाओं में 57 आवेदन प्रेषित किए गए थे, जिसमें 22 आवेदन को स्वीकृत किया गया एवं 20 को अस्वीकृत किया गया तथा 15 आवेदन अभी भी शाखाओं में लंबित हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की प्रगति की समीक्षा करते हुए अवगत कराया गया कि अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक 1420 समूहों का गठन किया गया है।
रिवोलविंग फंड 936 समूहों के बचत खाते में रुपए 15000 प्रति समूह की दर से जमा की गई है। साथ ही सी0आई0एफ0 1100 समूहों के बचत खाते में 1,10,000 रूपये प्रति समूह की दर से जमा की गई है एवं इस मिशन के अंतर्गत विभिन्न बैंकों की शाखाओं में सीसीएल का 998 आवेदन भेजे गए, जिसमें 422 आवेदन को स्वीकृत किया गया, 182 आवेदन को वितरित किया गया, 183 आवेदन करने रद्द किया गया तथा 373 आवेदन लंबित हैं।
मुख्य विकास अधिकारी प्रेम रंजन सिंह ने भी लोन का प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश दिये और कहा कि आज कृषि और उद्यान के क्षेत्र में आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की सम्भावनाएं अधिक हैं। इस उद्देश्य से बैंकर्स कृषकों को जागरूक कर इससे जोड़ें।
बैठक में एल0डी0एम0 श्री सूर्य प्रसाद शाह, रिजर्व बैंक से अर्चना चटर्जी एल0डी0ओ0 , नाबार्ड बैंक से जिला विकास प्रबन्धक श्रीमती ऋचा बाजपेई, सहायक उपायुक्त उद्योग सुश्री रोचना श्रीवास्तव सहित बैंकर्स/प्रतिनिधि आदि सम्बन्धित उपस्थित थे।
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