रायबरेली संसदीय सीट पर वोटिंग के 8 दिन के बाद ही सियासी वर्चस्व की जंग तेज हो गई है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में बीजेपी से ताल ठोकने वाले दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ रायबरेली में सारे विरोधी एकजुट हो गए हैं. उन्होंने दिनेश प्रताप सिंह के भाई अवधेश सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी से बेदखल करने का कवायद तेज कर दी है।
बता दें कि रायबरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले जिले में जमकर बवाल हुआ. रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह लखनऊ से रायबरेली के लिए जिला पंचायत चुनाव में पहुंच रही थीं. अदिति सिंह के साथ जिला पंचायत सदस्य राकेश अवस्थी भी थे।
इसी बीच, दबंगों ने बछरावां-लखनऊ मार्ग के टोल प्लाजा पर विधायक और जिला पंचायत सदस्यों के वाहन पर टक्कर मारी और फायरिंग शुरू कर दी. सदस्यों पर फायरिंग के बाद ही दबंगों ने सदर विधायक अदिति सिंह की गाड़ी का पीछा किया. अदिति सिंह की गाड़ी रायबरेली पहुंचने से 5 किलोमीटर पहले मोदी पब्लिक स्कूल के पास पलट गई, जिसमें अदिति सिंह घायल हो गईं।
जबकि दबंगों ने जिला पंचायत सदस्य सदस्य राकेश अवस्थी का अपहरण कर उनके साथ मारपीट की. हालांकि बाद में उन्हें छुड़ा लिया गया. इन सारे मामलों के लिए दिनेश प्रताप सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
रायबरेली- सदर विधायक अदिति सिंह का बयान-
जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह ने कराया हमला, लखनऊ से आते समय हुए हमला, दिनेश प्रताप सिंह के कॉलेज के बाहर हमला, 50-60 हर तरीके के हथियारों से लैस थे लड़के, हथियारों से लैस लड़कों ने किया हमला, जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह मौजूद थे, अवधेश सिंह ने मेरी गाड़ी की घेराबंदी कीभाजपा की सरकार में विधायक भी सुरक्षित नहीं।
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