भविष्यवाणी आपके ऊपर पूर्ण रूप से घटित हो इसके लिए आपको सही फैसले लेने होंगे। सब कुछ सही जीवन में चल रहा होता है और अचानक हम क्यों गलत फैसला कर लेते है। ग्रह नक्षत्रों का प्रभाव मनुष्य के मन पर पड़ता है। मन ही चन्द्रमा है यह एक सा नही रह सकता लेकिन स्थिर किया जा सकता है। ग्रह खराब होने पर मन विचलित होता है। और सही फैसला मनुष्य नही ले पाता है किस्मत मौका देती है मौके को पकड़ कर आप तक पहुंचती है अवसर सामने होने पर भी अवसर को ना पकड़ पाना भाग्य का नहीं व्यक्ति के कर्मों का दोष माना जाता है भाग्य अवसर प्रदान करता है जिससे सही सूज बूज उचित कर्मों द्वारा हासिल कर सफलता प्राप्त की जा सकती है लेकिन अधिकांश लोग किस्मत द्वारा प्रदान किए गए अवसर को गलत फैसला लेकर उस समय को निकाल देते हैं और बाद में यह कहते हैं की भविष्यवाणी गलत निकल गई ऐसा कुछ घटित ही नहीं हुआ भविष्यवाणी आपके ऊपर पूर्ण रूप से घटित हो इसके लिए आपको अपने मन चन्द्रमा को अपने नियंत्रण में रखना होगा और आपका मन लक्ष्य से विचलित नही होना चाहिए। मान लीजिए आपके पास कार और बाइक दोनों है आपने मन ने कहा आज बाइक से जायेगे और आप किसी जरूरी कार्य से गये रास्ते में बारिश होने लगी तब आपको रुकना पड़ गया जिस कार्य के लिए घर से निकले थे वह नही हो पाया तब आप सोंचने पर मजबूर होंगे की अगर कार से आये होते तब कार्य पूरा हो जाता इसी तरह से ज्योतिष है अगर बरसातहोने की सम्भावना है बता दिया गया तब आपको स्वयं निर्णय लेना होगा की बाइक य कार किस से जाना उचित रहेगा। आपका भाग्य किस व्यापार से आपको लाभ दिला सकता है। यह बता दिया गया तब आपको वह व्यापार करना होगा सीखना होगा तब लाभ मिल पायेगा उससे दूर रहने से लाभ के पात्र नही होंगे। इस लिए ही कहा गया है मन के हारे हार है मन के जीते जीत है। जीवन आपका फैसला भी आप स्वयं करे।
सोच पर ध्यान दो क्योंकि सोच से शब्द बनते है और
शब्द से क्रिया आदत और चरित्र यही भाग्य बनते है।
देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
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