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पत्थर के जंगलों में दो बूंदों की तलाश जिसकी है,पर गर्म हवा से जूझता वह बेजुवां पक्षी भी है। हरदोई

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हरदोई- जिलाधिकारी पुलकित खरे ने मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त करने वाला अपने आंगन में चित्रण पेश कर मानवता के लिए एक नया संदेश देने की पहल की है जिसमें उन्होंने अपने आंगन व परिक्षेत्र में बेजुवां पक्षियों के नाम आशियाने बनाए हैं जिसमें वह इस भीषण गर्मी में तपिश से बचने हेतु जीवन संवर्धन कर सकें।जिलाधिकारी पुलकित खरे ने अपने निज आवास के आंगन परिक्षेत्र में बेजुवां पक्षियों के लिए इस भीषण गर्मी में जीवन संवर्धन के लिए आशियाना बनाकर दूसरों को मानवीय संवेदनाओं का उदाहरण पेश करने की एक सजग पहल की है और नगर वासियों से भी अपेक्षा की है कि इस भीषण गर्मी के थपेड़ों से इन बेजुवां पक्षियों के लिए दाने और पानी की व्यवस्था, छतों ,अपने आंगन में आशियाना बना कर रखें जो मानवीय संवेदना के लिए अमूल्य संदेश होगा। उन्होंने पद्य के रूप में अपनी इन मानवीय संवेदना को उजागर करते हुए इस संदेश को अमलीजामा पहनाने के लिए नगर वासियों से अपील की है।आज अपने आंगन में की एक छोटी सी शुरुआत, आशियाने सजाए कुछ पंछियों के नाम”“तेज गर्मी का मौसम,चढ़ता पारा,बढ़ता तापमान इंसान है बेहाल,थम जाती है पंखों की उड़ान।लू के थपेड़े लगते हैं,होंठ सूखते हैं,हम थकते हैं

फिर पंखे कूलर-चलते झटपट,शीतल जल-शरबत गटक गटक।पर गर्म हवा से जूझता,वो बेजुवां पक्षी भी है,पत्थर के जंगलों में दो बूंदों की तलाश जिसकी है।

अब आप भी बढ़ाए हाथ, बुझाने को उनकी भूख-प्यास अपने आंगन-बगिया में रोज सुबह रखें- कुछ दाने,थोड़ा सा पानी।जो तपतपाती गर्मी में लिख पाएं,किसी पंछी के लिए सुकून और राहत की जिलाधिकारी पुलकित खरे की इस पहल की लोग प्रशंसा कर रहे हैं और लोगों में ऐसा करने की जागरूकता भी निश्चित रूप से बढ़ेगी।


रिपोर्ट राजपाल सिंह हरदोई

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