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बेटी के शव के लिए रिश्वतखोरों के आगे गिड़गिड़ाता रहा गरीब बाप, नही आई दया। हरदोई

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हरदोई--अपनी ही बेटी का शव हासिल करने के लिए एक बाप को उधार रुपये लेकर रिश्वत देनी होगी, ऐसा तो कभी किसी ने सोंचा नही था। एक गरीब बाप के लिए इससे बुरे हालात और क्या होंगे कि उसकी इकलौती बेटी उसके सामने ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ दे, और जब उसके पोस्टमार्टम की नौबत आई तो स्वास्थ्य कर्मियों ने रिश्वत मांगी। पैसे न होने पर बेटी का शव साइड कर दिया गया, खैर जैसे-तैसे बेबस बाप ने वापस गांव जाकर पैसे का प्रबंध किया और करीब 04 घण्टे जब बाद वापस पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो देर हो चुकी थी। नतीजन दूसरे दिन शव का पोस्टमार्टम किया गया। इतवारी ने अपना दुखड़ा सुनाया तो हैरान कर देने वाला मंजर सामने आया।

टड़ियावां थानाक्षेत्र के कटका गांव का निवासी इतवारी की 15 वर्षीय बेटी ममता ही उसके घर की शान थी। इतवारी मेहनत मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था कि इसी बीच बीते 06 मार्च को ममता ने गलती से जहरीली दवा खा ली, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल लाया गया किन्तु ममता ने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया था।

उसी दिन शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। जहां सचान नाम के फार्मासिस्ट ने शव का पोस्टमार्टम करने के एवज में 01 हजार रुपये मांगे। गरीब बाप के पास मुश्किल से 200 रुपये ही थे, जिससे काम नही चल सका। इतवारी ने बताया कि वह शव को वहीं छोड़कर वह वापस अपने गांव पहुंचा और लोगों से उधार रुपये लेकर करीब 04 घण्टे बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर तब तक काफी रात हो चुकी थी, जिससे उसकी बेटी का पोस्टमार्टम नही किया गया।

दूसरे दिन जब रिश्वत दी तो शाम को उसकी बेटी का पोस्टमार्टम हो सका। सीएमओ का कहना है कि वह मामले की जानकारी कर रहे हैं। ऐसा केवल एक बाप के साथ नही बल्कि हर किसी के साथ होता है, तकलीफ तब होती है जब कोई गरीब लाख मन्नतें करता है फिर भी इन भ्रष्टाचारियों का दिल नही पसीजता। मानवता को शर्मसार कर देने वाली ऐसी घटनाओं पर आखिर कब लगाम लगेगी ये सवाल हर गरीब व्यक्ति सरकार से पूछता है।


रिपोर्ट राजपाल सिंह हरदोई

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