राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट में नगर निगम अधिनियम 1959 और उप्र नगर महापालिका अधिनियम 1916 में संशोधन करने का फैसला लिया गया. इसमें अध्यादेश के माध्यम से यह संशोधन किए जाएंगे. इसके तहत सरकार का प्रयास है कि शहर के भीतर चलने वाले बूचड़खानों को शहर के बाहर स्थापित किया जाए और किसी भी क़ीमत पे शहर के अंदर ये गंदगी बरदस्त नही की जाएगी.
उन्होंने बताया कि पहले नगर निगम और नगरपालिका के तहत ही शहर के भीतर बूचड़खाने खोले जाते थे और उनको बनाने, चलाने और निगरानी का जिम्मा उन्हीं का होता था. लेकिन संशोधन के बाद अब केवल बूचड़खाना निजी लोगों की ओर से शहर के बाहर खोले जाएंगे. लेकिन इन पर निगरानी रखने का काम नगर पालिका और नगर निगम करेंगे.
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