वसंत पंचमी के बाद मौसम में आए बदलवा से ऐसा एहसास होने लगा था कि शायद अब शर्दी से निजात मिल जाएगी। जिस तरह से आकाश बादलों से घिरा और आस-पास के इलाकों में हल्की बूंदा-बांदी भी हुई। यह सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। इससे सर्दी बढ़ी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक यह दौर अभी 19 फरवरी तक कायम रहेगा।महीने के पहले हफ्ते में बूंदाबांदी के बाद मौसम साफ हुआ और धूप खिलने से लोगों ने काफी राहत महसूस की थी। लेकिन गुरुवार को मौसम के मिजाज ने फिर एक बार पलटी मारी। दिन भर आसमान में बादल छाए रहने के साथ ही हवाएं भी चलती रहीं। दिन में हल्की बूंदा-बांदी भी हुई। शुक्रवार की सुबह व दोपहर में भी बारिश हुई। शुक्रवार को दिन भर बादल छाए रहे। पूरा दिन कुहासे जैसा अनुभव होता रहा। मौसम विज्ञानी एस. एच. कुशवाहा के मुताबिक पहाड़ों पर बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम बदल रहा है। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी एस. एच. कुशवाहा ने बताया कि शनिवार को मौसम साफ होगा। धूप भी निकलेगी। लेकिन 17 फरवरी को फिर से जम्मू कश्मीर के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ का एक और झटका आएगा जिसका असर समूचे उत्तर भारत पर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस पश्चिमी विक्षोभ का असर वाराणसी सहित अन्य मैदानी इलाकों में 18 व 19 फरवरी को मौसम फिर से बिगड़ेगा। बादल छाए रहेंगे, ठंडी हवाएं भी चलेंगी। कहीं-कहीं हल्की या तेज बारिश भी हो सकती है। बताया कि माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं को फिर से शीतलहर का प्रकोप झेलना पड़ेगा। इस बीच जनवरी के अंतिम सप्ताह से फरवरी के दूसरे सप्ताह के बीच बदलते मौसम के मिजाज का असर सेहत पर पड़ रहा है। कभी बारिश तो फिर तेज धूप और ठंडी हवा और फिर तापमान में उतार-चढ़ाव। इस वजह से मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। इसमें बच्चों की संख्या अधिक है। कबीरचैरा स्थित शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल हो या दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल दोनों जगह की ओपीडी में मौसमी बीमारियों से पीड़ित लोगों की लंबी कतार देखी जा सकती है। मेडिसिन विभाग की ओपीडी तेज बुखार, कोल्ड डायरिया, गले में इंफेक्शन से पीडित मरीजों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
*आपका का साथ न्यूज़ के साथ कैलाश नाथ राना (ब्यूरो चीफ) बहराइच*
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