बंडा/शाहजहांपुर
होमगार्ड की नौकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला पुलिस विभाग में काम करने के बाबजूद दबंगों के आगे लाचार है।जब उसे अपनी ही जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए न्यायालय की शरण लेनी पड़ी तो ऐसे में बंडा पुलिस आम आदमी को कैसे न्याय दिलाती होगी।
बताते चलें कि थाना क्षेत्र के ग्राम भौरखेडा खुर्द निवासी होमगार्ड रघुवीर पुत्र जीवन लाल के खेत की मेड़ व रास्ते पर ग्राम के ही कुछ लोग जबरदस्ती पन्नी आदि की झोपड़ी बनाकर कब्जा करने की कोशिश में लगे हैं। पहले तो पीड़ित ने पुलिस को कई बार शिकायत की। लेकिन पुलिस मदद के नाम पर खानापूर्ति कर शांत बैठ गई। पुलिस से न्याय न मिलता देख रघुवीर को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। इसके बाबजूद विपक्षियों ने पुनः जमीन पर नवनिर्माण की कोशिश की।जिसे लेकर पीड़ित ने थाने में पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसकी भूमि जिसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बाबजूद ग्राम निवासी नन्हे पुत्र बेंचे,उत्तम पुत्र बनवारी, राजेन्द्र पुत्र छोटे लाल झोपड़ी व नवनिर्माण कर अवैध कब्जा करना चाहते हैं। जबकि न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दे रखा है। पीड़ित ने आरोपियों के विरुद्ध तहरीर देकर कार्रवाई किए जाने की मांग की । लेकिन पुलिस ने टका सा जबाब देते हुए कुछ भी करने में असमर्थता जता कर उसे उसके हाल पर छोड़ दिया। पीड़ित को अपने ही विभाग से न्याय की उम्मीद नहीं रही। ऐसे में बंडा पुलिस गरीबों को किस तरह का न्याय दे रहा है साफ जाहिर होता है।
🖋 राजीव कुमार कुशवाहा पत्रकार बन्डा ( आपका साथ न्यूज़ ) 🖋
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