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योगी सरकार में सरकारी कर्मचारी सड़कों पर विद्यालय बंद है बच्चों का भविष्य खराब हो रहा।

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देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा की रिपोर्ट


शिक्षक संघों द्वारा हड़ताल पर किये जाने पर आज निदेशक ने समस्त बीएसए व एडी बेसिक को पत्र भेज धरने ने शामिल शिक्षकों के विरुद्ध की गयी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानकारी मांगी लेकिन बीएसए खुद धरना प्रदर्शन में शामिल होते देखे गये। सिद्धार्थनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी राम सिंह भी धरना प्रदर्शन में उपस्थित रहे। आज़मगढ़ बीएसए भी धरना पर बैठे ।



महाहड़ताल में कई जिलों के पेंशन विहीन बीएसए भी शामिल और निदेशक महोदय सभी बीएसए से ही हड़ताल में शामिल अध्यापक / कर्मचारी की सूचि मांग रहे है। जब की जिला बेसिक शिक्षा विभाग की कमान इस समय जिलाधिकारीयों के हाथो में होनी चाहिए। एक तरफ उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र अपनी नौकरी को स्थाई करने की मांग पिछले लगभग दो वर्ष से कर रहे उनकी मांगों पर सरकार ने कोई ध्यान नही दिया और उन्हें दस हजार प्रतिमाह के अल्प मानदेय पर कार्य करना पड़ रहा दूसरी तरह वह शिक्षक आज धरना प्रदर्शन कर रहे जिन्हें वेतन के रूप में सत्तर हजार प्रतिमाह मिल रहा है। योगी सरकार में सरकारी कर्मचारी सड़कों पर है विद्यालय बंद है बच्चों का भविष्य खराब हो रहा। लेकिन सीएम साहब चुपचाप सब देख रहे। यह कैसी शासन व्यवस्था है।


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