लखनऊ शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान क्या नियमानुसार ही होगा ? बेसिक शिक्षा परिषद की अध्यापक सेवा नियमावली 1981 क्या नियम है? जो इन शिक्षामित्रों पर लागू होंगे सकते है इस पर जरा ध्यान देते है। बेसिक शिक्षा परिषद में अप्रशिक्षित अध्यापक रखने की व्यवस्था थी। जिसकी शैक्षिक योग्यता इंटरमीडियट सन् 1998 से पहले रही तब उत्तर प्रदेश में इंटरमीडियट + बीटीसी अध्यापक नियुक्ति की योग्यता तय थी। और शिक्षामित्रों की भर्ती पर पहला शासनादेश 26 मई 1999 को जारी हुआ लेकिन पहली भर्ती सन् 2000 में हुई सन् 2001 में सर्व शिक्षा अभियान शुरू हुआ। इसके अंतर्गत भी अप्रशिक्षित अध्यापक नियुक्त करने की छूट थी। लेकिन केंद्र ने भर्ती नियम में यह लिखा राज्यो में प्रचलित भर्ती नियमो के अनुसार ही इन पदों पर नियुक्ति राज्य सरकारों को करना चाहिए। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने इन शिक्षामित्रों पर कोई स्पष्ट आदेश जारी नही किये और यह राजनीत का शिकार होते गये।
25 जुलाई 2012 में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन ने प्रदेश में कार्यरत शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करने का आदेश जारी किया और उसमे नियुक्ति का आधार प्रशिक्षण को दर्शाया यह पत्र बेसिक शिक्षा निदेशक और निदेशक राज्य शैक्षिक परिषद उत्तर प्रदेश को जारी किया। जिसमे साफ लिखा गया की उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के अनुसार स्नातक + बीटीसी को अध्यापक नियुक्त किये जाने की अनिवार्यता है। और जो 48000 शिक्षामित्र इंटरमीडियट अर्हताधारी है। जैसे- जैसे स्नातक कर लेगे उन्हें भी अध्यापक के रूप में नियुक्त करने पर विचार किया जा सकेगा। 48000 इंटरमीडियट अर्हताधारी और बाकि को स्नातक अर्हताधारी शिक्षामित्र बताया गया था। खास बात यह है इस आदेश का समायोजन के आदेश से कोई सम्बंध नही है। और यह RTE की छूट के अंतर्गत की कार्यवाही है। अप्रशिक्षित स्नातक शिक्षामित्र और अप्रशिक्षित शिक्षामित्र में इतना अंतर है।
सवाल यह उठता है की क्या RTE की छूट में सेवारत रहते हुए प्रशिक्षण योग्यता बढ़ाने की छूट दी गई य साथ में शैक्षिक योग्यता बढ़ाने की भी छूट दी गई अगर शैक्षिक योग्यता बढ़ाने की छूट दी गई तब सभी ने शैक्षिक योग्यता बढ़ा ली तब समायोजन हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट ने रद्द क्यों किया इन सभी शिक्षामित्रों के भविष्य के निर्धारण की जिम्मेदारी सुप्रीमकोर्ट ने राज्यसरकार को दी और राज्यसरकार की तरफ से एक बैठक का आयोजन 8 फ़रवरी 2019 को किया जा रहा है। क्या इन शिक्षामित्रों पर राजनीत ऐसे ही होती रहेगी य प्रदेश की योगी सरकार इसका नियमानुसार समाधान निकाल पायेगी। यह 31 मार्च 2019 से पहले तय हो जायेगा क्योंकि फिर RTE से छूट समाप्त हो जायेगी।
देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा शाहजहाँपुर
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