नईदिल्ली केंद्रीय कर्मचारियों को इस बार तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलना तय हो गया है। दिसंबर 2018 का सूचकांक स्पष्ट होते ही मिलने वाले महंगाई भत्ते की दर अब स्पष्ट हो गई है। दैनिक जागरण ने तीन जनवरी को ही इस संबंध में खबर दी थी, इस मर्तबा कर्मचारियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल सकता है। ज्ञात हो कि पिछले कई वर्षो से महंगाई भत्ता दो प्रतिशत ही मिल रहा था।
औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर महंगाई भत्ते का सटीक आकलन करने वाले सिटीजन्स ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी ने बताया कि दिसंबर 2018 का सूचकांक स्पष्ट हो गया है। जनवरी से दिसंबर 2018 तक बारह माह का औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 294.83 रहा है इस औसत सूचकांक पर कुल 12.78 प्रतिशत महंगाई भत्ता बनता है, परन्तु महंगाई भत्ता पूर्णाक में ही देय होता है इसलिए .78 प्रतिशत को छोड़कर जनवरी 2019 से कुल 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता बनता है। दरअसल जुलाई 2018 से महंगाई भत्ता नौ प्रतिशत ही मिल रहा था इसलिए शुद्ध महंगाई भत्ता 12 प्रतिशत में से नौ प्रतिशत घट गया, ऐसे में तीन प्रतिशत ही कर्मचारियों को देय होगा। तिवारी ने बताया कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार पुनरीक्षित वेतन व पेंशन पर अब तीन प्रतिशत महंगाई भत्ते की गणना होगी। नियमानुसार मार्च 2019 के वेतन के साथ इसका भुगतान होना चाहिए। इससे केंद्र सरकार के करीब एक करोड़ कर्मचारी व पेंशनर तथा उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के कर्मचारी व पेंशनर लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू हुआ। उस समय महंगाई भत्ता शून्य रहा है। 2016 जुलाई में ही महंगाई भत्ता देय हुआ। इसी तरह वर्ष 2017 और 2018 में भी दो-दो प्रतिशत ही महंगाई भत्ता देय हुआ। सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद इस बार छठां महंगाई भत्ता तय हुआ है, जो पहली बार तीन प्रतिशत तक पहुंचा है।
ज्ञात हो कि महंगाई भत्ते का आकलन वर्ष में दो बार जुलाई व जनवरी माह में ही किया जाता है। यह भत्ता मूल वेतन व मूल पेंशन पर ही देय होगा। नियमानुसार इसका मार्च के वेतन के साथ भुगतान होना चाहिए लेकिन, भुगतान सरकार चाहे जिस माह में करे यह लागू एक जनवरी 2019 से ही होगा।
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