पीसी कुशवाहा दिल्ली
आरक्षण के बावजूद नहीं घट रहा है ऊंची और नीची जातियों के बीच अमीरी का फासला. सामाजिक असमानता दूर करने के लिए सरकार को करना होगा हस्तक्षेप.
आरक्षण की बहस में अक्सर ये तर्क आता है कि आरक्षण का आधार जाति नहीं गरीबी को होना चाहिए क्योंकि असमानता का कारण गरीबी है. लेकिन अब एक नया शोध सामने आया है, जिससे जाति और असमानता के बीच के रिश्ते का पता चला है. ये शोध बताता है कि भारत में ऊंची जातियां तेज़ी से अमीर हो रही हैं, जबकि नीचे की जातियां या तो अपनी जगह स्थिर हैं या फिर गरीब हो रही हैं. इस शोध में ये भी बताया गया है कि ऊंची जातियों का तेज़ी से अमीर होना क्यों संभव हो रहा है और निचली जातियां क्यों गरीब होती जा रही हैं?
बढ़ती हुई आर्थिक असमानता को जबसे वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम ने इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी समस्या घोषित किया है, तब से इस समस्या को लेकर दुनियाभर में काफी शोध हो रहा हैं. भारत में भी इस बारे में लगातार शोध हो रहे हैं और ये बात अब विवादों से परे है कि भारत में भी आर्थिक असमानता बढ़ रही हैं. आर्थिक असमानता को दुनिया में बहस के केंद्र में लाने में फ्रांसिसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी का बड़ा योगदान है.
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