लखनऊ : हड़ताल की ओर बढ़ रहे प्रदेश के राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग सोमवार को मशाल जुलूस की आग से और धधक उठी। जुलूस के जरिये शासन तक आंदोलन की आंच पहुंचाते हुए कर्मचारियों व शिक्षकों ने चेतावनी दी कि अब भी उनकी मांग न मानी गई तो छह फरवरी से एक हफ्ते के लिए प्रदेश का कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया जाएगा।
कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों में मशाल जुलूस निकाल कर जिला प्रशासन के जरिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा गया। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि पुरानी पेंशन के लिए हड़ताल बीते अक्टूबर में ही होनी थी लेकिन, मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय उच्चाधिकार समिति बनाए जाने के कारण हड़ताल स्थगित कर दी गई थी। हालांकि दो महीने के लिए गठित समिति बेनतीजा ही खत्म हो गई।
इससे क्षुब्ध कर्मचारियों ने नए सिरे से आंदोलन का एलान करते हुए बीती 21 जनवरी को सभी जिलों में धरना दिया, जबकि सोमवार को मशाल जुलूस निकाल कर कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी जताई।
लखनऊ में मंच के नेताओं ने कर्मचारी नेता बीएन सिंह की प्रतिमा पर बने कर्मचारी प्रेरणा स्थल से जिलाधिकारी कार्यालय तक मशाल जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसीएम-5 को सौंपा। इसी तरह अन्य जिलों में भी जुलूस निकाल कर कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि अब भी पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो छह फरवरी से होने वाली हड़ताल की जिम्मेदारी सरकार की होगी। जिलों में निकाले गए मशाल जुलूसों में बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी शामिल हुए। लखनऊ में मशाल जुलूस का नेतृत्व मंच के नेता शिवबरन सिंह यादव और सुधांशु मोहन ने किया। जुलूस में जीएन सिंह, दिवाकर राय, इंद्रासन सिंह व राजर्षि त्रिपाठी सहित अन्य शामिल थे।
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