top of page
© Copyright

डीएम के आदेशों को ताख पर रखकरआईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायत का फर्जी आख्या लगाकर करते हैं निस्तारण

Writer's picture: aapkasaathhelplinefoundationaapkasaathhelplinefoundation



*एक सुंदर लाइन में लिखते हैं शिकायतकर्ता से दूरभाष पर वार्ता हो चुकी है शिकायतकर्ता पूर्ण संतुष्ट है*


*बन्डा/शाहजहांपुर*- जहां एक ओर केंद्र की मोदी सरकार डिजिटल इंडिया बनाने का सपना संजोए प्रयास में जुटी हुई है वहीं प्रदेश के योगी सरकार के कुछ अधिकारी फर्जी आख्या देकर जिला प्रशासन को गुमराह करने से नहीं चूकते हैं।

ऐसा ही मामला तहसील पुवायां के विकासखंड बंडा का है जहां की एक ग्राम पंचायत कैथ भगौतीपुर है जहां छूटे आवारा पशुओं से ग्रामीण किसान बिल्कुल त्रस्त है । पचासों एकड़ फसलें बर्बाद हो रही हैं इसी को लेकर प्रयास जन सेवा समिति के अध्यक्ष सुबोध कुमार ने ग्रामीणों की समस्या हेतु आई.जी.आर.एस पोर्टल पर 4 जनवरी 2019 को एक शिकायत पंजीकरण करवाई जो जिला स्तर से पंचायती राज विभाग को संबोधित थी जिसका पंजीकरण क्रमांक 40015219000383 है उक्त आवेदन को 4 जनवरी 2019 को सहायक विकास अधिकारी पंचायती राज विभाग बन्डा को अग्रिम कार्रवाई हेतु प्रेषित कर दिया गया था क्षेत्रीय ग्रामीणों की समस्या को लेकर मांग की गई थी ग्राम पंचायत कैथ मैं बनी बड़ी कोठी पर गौशाला बनवाने को लेकर जिसमें कैथ, भगौतीपुर, बहेड़ा, सिंगापुर खास व अन्य जगहों से छूटे आवारा जानवर सभी सिंगापुर खास बड़ी कोठी पर ही बैठते हैं। और कैथ के किसानों के पचासों एकड़ फसल बर्बाद कर रहे हैं।

लेकिन 15 जनवरी 2019 को समस्या का निस्तारण कर दिया जाता है और पोर्टल पर बताया जाता है कि विकासखंड बंडा में ग्राम पंचायत मानपुर में गौशाला निर्माण हेतु प्रस्तावित है तथा ग्राम पंचायत में गौशाला निर्माण हेतु राशि का आवंटन के उपरांत ही गौशाला का निर्माण कार्य संभव है ।

और लाल पेन से लिखी हुई एक जानी पहचानी लाइन जो अक्सर अधिकारियों द्वारा लिखी जाती है कि शिकायतकर्ता से दूरभाष पर वार्ता हो चुकी है शिकायतकर्ता पूर्ण संतुष्ट हैं जबकि वास्तविकता यह है कि शिकायतकर्ता को भनक तक नहीं लगती है और शिकायत घर बैठे-बैठे फर्जी निस्तारण कर दिया जाता है।


जबकि जिले के तेज तर्रार डीएम अमृत त्रिपाठी के द्वारा शिकायतों की समीक्षा करते हुए समय-समय पर दिशा निर्देश देते हैं लेकिन कुछ अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं उन्हें तो सिर्फ और सिर्फ अपनी कलम से दो गवाहों के नाम लिखकर और रटी-रटाई लाइन की शिकायतकर्ता से दूरभाष पर बात हो गई है शिकायतकर्ता संतुष्ट है।


अब सवाल यह उठता है कि क्या वास्तव में गवाहों के जो नाम डाले हैं क्या उनको पता है?

उक्त शिकायत कर्ता ने जब निस्तारण में दिखाए गए गवाहों से जब फोन पर वार्ता की तो प्रथम गवाह सोवरन सिंह प्रधान पति कैथ भगौतीपुर एवं ग्राम भगौतीपुर में तैनात सफाई कर्मी आनंद ने बताया की मुझे उक्त शिकायत के बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना ही हमारी सचिव से बात हुई है।

एक बड़ा सवाल यह उठता है कि इसी तरीके से जिम्मेदार अधिकारी क्या घर बैठे-बैठे फर्जी निशान करते रहेंगे या फिर इनके खिलाफ कार्यवाही भी होगी।


🖋 राजीव कुमार कुशवाहा पत्रकार बन्डा ( आपका साथ न्यूज़ ) 🖋

47 views0 comments

Comentários


bottom of page