चीन ने ताईवान को पनडुब्बियां बनाने के लिए प्रौद्योगिकी देने का सोमवार को दृढ़तापूर्वक विरोध किया और कहा कि बीजिंग के साथ रिश्ता रखने वाले देशों को ‘एक चीन’ सिद्धांत का ईमानदारी से पालन करना चाहिए और ताईवान के साथ किसी भी प्रकार के सैन्य संबंध को रोक देना चाहिए।ताईवान मीडिया ने पिछले साल खबर दी थी कि अमेरिका के विदेश विभाग ने उसे प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की मंजूरी दे दी है जिससे ताईवान अपनी पनडुब्बियां खुद ही बना पाएगा। ऐसी भी खबर आयी थी कि छह विदेशी कंपनियां पहले ही पनडुब्बियों के लिए डिजाइन प्रस्ताव सौंप चुकी हैं।उनमें से एक कंपनी भारत की भी है।ताईवान न्यूज ने पिछले साल अक्टूबर में खबर दी थी कि इन छह कंपनियों में दो यूरोप की,दो अमेरिका की, एक भारतीय और एक जापानी कंपनी है इस साल मार्च में ये डिजाइन मंजूरी के लिए ताईवान सरकार के समक्ष आएंगे।खबर में इन देशों की कंपनियों का ब्योरा नहीं है।सोमवार को यहां चीन की सरकारी मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि चीन किसी भी देश द्वारा ताईवान को हथियार बेचे जाने के विरुद्ध है।उन्होंने कहा कि चीन ताईवान के साथ किसी भी देश द्वारा सैन्य संबंध रखने के बिल्कुल खिलाफ है।चीन का रुख स्पष्ट और हमेशा एक जैसा है अमेरिका और अन्य देश इस मुद्दे की संवेदनशीलता और खतरे को पूरी तरह समझते हैं।चीन ताईवान पर अपना दावा करता है।वह 1949 में उससे अलग हुआ था, वह ताईवान के साथ किसी भी देश के राजनयिक संबंध के विरुद्ध है।
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