अबोहर पंजाब इलाकों में इस समय भीख माफिया सक्रिय है, इन सबने रजामंदी से भीख मांगने के लिए अपने इलाके तय किए हुए हैं। प्रशासन और पुलिस किसी की भी तरफ से ऐसे लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाता।भीख मांगने के लिए कुछ लोग छोटे बच्चों को गोद में उठाकर भीख मांगते हैं और कई लोग तो अपाहिज होने का झूठा खेल तक रच देते हैं। इस झूठे खेल के लिए उक्त लोग हाथों में बैसाखियां और झूठे प्लास्टरों का भी उपयोग करते हैं।
कुछ अभिभावक बच्चों से भी मंगवाते हैं भीख
अबोहर शहर में कई जगह 5 से 10 साल के बच्चों को भीख मांगते हुए देखा जा सकता है। जानकारी के अनुसार कुछ अभिभावक अपने बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं और ऐसे बच्चे अनिवार्य शिक्षा के हक से भी वंचित रह जाते हैं।
यूनिवर्सल डैक्लारेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ने भी भारत को दी थी चेतावनी
यूनिवर्सल डैक्लारेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स भारत को चेतावनी दे चुका है कि भारत में भीख पर रोक लगाई जाए। केन्द्र सरकार द्वारा सभी राज्य सरकारों को इस संबंधित नोटिस भी जारी किया गया था और इसकी एक कॉपी सभी एडमिनिस्ट्रेशन को भी भेजी गई थी।
भीख मांगने पर हो सकती है 5 साल की सजा : एडवोकेट रमेश जैन समाज सुधार सभा के प्रधान
ने बताया कि 1971 में पारित एक कानून के माध्यम से पंजाब में भीख मांगना प्रतिबंधित है। राज्य में प्रमुख ट्रैफिक लाइट प्वॉइंट पर बाल भिखारी एक आम दृश्य हैं। भिखारी अधिनियम की पंजाब रोकथाम के तहत भीख मांगने वाले वयस्कों को 5 साल तक की जेल हो सकती है और भीख मांग रहे बच्चों को चिल्ड्रन होम में भेजने का प्रावधान है।ज्यादातर प्रवासी भारतीय पूर्वी राज्यों से अपने बच्चों को भीख मांगने के लिए प्रेरित करते हैं। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015, भारत सरकार द्वारा पारित है, जिसमें बच्चों द्वारा भीख मांगना पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का सख्त प्रावधान है।
भिखारियों के अड्डे बने ये स्थान
बस स्टैंड रेलवे स्टेशन बाजार नंबर 9 बाजार नंबर 4 गली नंबर 12 नई आबादी मलोट रोड हनुमानगढ़ रोड सर्कुलर रोड आदि
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