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पाकिस्तान की जेल से 6 साल बाद हुई रिहाई, हामिद पहुचे वाघा बॉर्डर




पाकिस्तान की जेल में 6 साल से बंद भारतीय कैदी हामिद निहाल अंसारी को आखिरकार रिहाई मिल गई और आज मंगलवार को वह भारत लौट रहे हैं. पाकिस्तान में रावी नदी से पार कराने के बाद उन्हें एक जेल वैन के जरिए वाघा-अटारी सीमा पर लाया गया है.


पाकिस्तान ने अंसारी को 2012 में भारतीय जासूस बताते हुए कैद कर लिया था. 2015 में एक सैन्य अदालत ने फर्जी पाकिस्तानी पहचान पत्र रखने के मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी. अंसारी की मां ने अपने बेटे की रिहाई के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार जताया है.


सोमवार को हुई रिहाई


हामिद को पाकिस्तान की जेल से सोमवार को रिहाई मिली थी. अंसारी की तीन साल की सजा शनिवार को पूरी हो गई थी. भारत ने हामिद की रिहाई के लिए पाकिस्तान से बात भी की थी. इससे पहले पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने वहां की सरकार को उन्हें वापस भेजे जाने की औपचारिकताएं एक महीने के भीतर पूरी कर लेने को कहा था.


मुंबई के निवासी हैं अंसारी


15 दिसंबर 2015 को सजा सुनाए जाने के बाद से 33 वर्षीय मुंबई निवासी अंसारी पेशावर सेंट्रल जेल में बंद थे. उनकी तीन साल की सजा 15 दिसंबर, 2018 को पूरी हो गई थी, लेकिन कानूनी दस्तावेज तैयार नहीं होने की वजह से वह भारत रवाना नहीं हो पा रहे थे. गुरुवार को पेशावर उच्च न्यायालय ने संघीय सरकार को एक महीने के भीतर उसको स्वदेश भेजने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा था.


पाकिस्तान ने लगाया जासूस होने का आरोप


पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘अंसारी को उसकी सजा पूरी होने के बाद रिहा किया गया और भारत भेजा रहा है.’ उन्होंने दावा किया कि अंसारी एक ‘भारतीय जासूस था जिसने अवैध तरीके से पाकिस्तान में प्रवेश किया और वह राष्ट्र विरोधी अपराधों एवं फर्जी दस्तावेज बनाने में शामिल था.’


2012 में हो गया था लापता


पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों और कोहाट की स्थानीय पुलिस के 2012 में हिरासत में लिए जाने के बाद से अंसारी लापता हो गया था. आखिरकार उसकी मां फौजिया अंसारी द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के जवाब में उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि वह पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हैं और एक सैन्य अदालत में उस पर मुकदमा चलाया जा रहा है.


अफगानिस्तान के रास्ते गए थे पाकिस्तान


खबरों के मुताबिक ऑनलाइन चैटिंग के दौरान एक लड़की से दोस्ती के बाद उससे मिलने की चाहत में वह अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुंच गया था. पेशावर उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने अंसारी के वकील काजी मुहम्मद अनवर के जरिए उसकी ओर से दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. इस पीठ में न्यायमूर्ति रूहुल अमीन और न्यायमूर्ति कलंदर अली खान शामिल थे.


भारत ने जताई खुशी


इधर, भारत ने भी अंसारी की रिहाई पर खुशी जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि हमें पाकिस्तान से आज एक संदेश मिला है कि वे भारतीय नागरिक हामिद निहाल अंसारी को मंगलवार को रिहा कर रहे हैं. यह हमारे लिए बड़ी राहत का मामला है, खासतौर पर परिवार के सदस्यों के लिए. पाकिस्तान की जेल में एक असैन्य भारतीय की कैद खत्म हो रही है.


96 बार ‘नोट वरबल्स’ जारी किए गए


प्रवक्ता ने कहा कि हम चाहेंगे कि पाकिस्तान अन्य भारतीय नागरिकों और मछुआरों की तकलीफ भी दूर करने के लिए कार्रवाई करे, जिनकी पहचान की पुष्टि हो चुकी है और जिनकी सजा पूरी हो गई है, लेकिन वे पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं. सरकारी सूत्रों ने बताया कि राजनयिक पहुंच के लिए और उनके खिलाए लगाए गए आरोपों पर स्पष्टता के लिए 96 बार ‘नोट वरबल्स’ जारी किए गए जिन पर भारत को संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली.


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