top of page
© Copyright

aks.

Writer's picture: aapkasaathhelplinefoundationaapkasaathhelplinefoundation

शाहजहाँपुर जिला बेसिक शिक्षा विभाग पर नही पड़ा सरकार बदलने का फर्क बीएसए और बीईओ पैसा लेकर दे रहे फर्जी लीव सेवा पुस्तिका में अवकाश नही होता दर्ज और अध्यापक उपस्थिति रजिस्टर में भी होता है खेल




शाहजहाँपुर। दुर्भाग्य कहे या सौभाग्य पहले नौकरी के लिए परेशान और फिर नौकरी मिल जाने पर हराम खोरी के लिए परेशान। जिला बेसिक शिक्षा विभाग पर नही पड़ा सरकार बदलने का फर्क बीएसए और बीईओ पैसा लेकर दे रहे फर्जी लीव सेवा पुस्तिका में अवकाश नही होता दर्ज और अध्यापक उपस्थिति रजिस्टर में भी होता है खेल

खंड शिक्षा अधिकारी के संरक्षण में बगैर विद्यालय में जाये ही शिक्षकों को हर माह वेतन का भुगतान सुलभता हो जाये इसके लिये ऐसे लापरवाह शिक्षकों को मूल वेतन से कुछ हिस्सा खंड शिक्षा अधिकारी को बतौर चढ़ौती चढ़ानी पड़ती और फिर उन्हें पूरे माह का वेतन आसानी से आहरण करने की हरी झंडी मिल जाती है। हैरानी की बात तो देखिए कुछ खंड शिक्षा अधिकारी बीएसए तक को गुमराह करने से नहीं चूक रहे हैं। फर्जी मेडिकल लीव का आदेश बाबू जारी करा रहे रही सही कसर इंचार्ज अध्यापक और एनपीआरसी पूरी कर देते हैं। क्योंकि इन लोगो को गांवों में रहने वाले बच्चों के भविष्य से कुछ भी लेना देना नहीं है। वह तो बस परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलबाड़ करने पर तुले हुये हैं। जनपद में तैनात शिक्षामित्रों को बीमार होने पर मेडिकल लीव नही मिलती और सीसीएल भी नही मिलती है। प्रतिमाह एक अवकाश मिल सकता है। और नियमित शिक्षकों को हर तरह की छूट है। शाहजहाँपुर जनपद के हर ब्लाक में

यह कारनामा धड़ल्ले से जारी है। 40 से 50 हजार रुपये वेतन पाने वाले शिक्षक शिक्षिकाएं अपने खंड शिक्षाधिकारी को मात्र 5 हजार से 10 हजार रुपये महीना देकर पुरे महीने गायब रहते है।और एक दिन आकर प्रपत्र 9 पर पूरे महीने का हस्ताक्षर बना कर ड्यूटी पूरी कर ली जाती है। इस प्रकरण की अगर उच्चस्तरीय जांच कराई जाये। हजारों अध्यापकों पर गाज गिरना तय है।


पत्रकार अनुराग मिश्रा

102 views0 comments

Komentarze


bottom of page