खुश फहमी की शिकार भाजपा को आईना दिखा रहे देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
नई दिल्ली :भारतीय जनता पार्टी और उसकी संस्था राष्ट्रीय सेवक संघ खुद अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है उसके कार्यकर्ता तथा सेवक संघ पार्टी में सरकार की नीतियों से खुश हैं हालांकि वह कितने प्रसन्न है वह उनका दिल ही जानता है आपसी बातचीत में उनका दर्द झलक भी पड़ता है भ्रष्टाचार पर लंबी चौड़ी लच्छेदार बातें करने वाले पार्टी के नेता मलाई चाट रहे हैं जबकि आम कार्यकर्ता को मामूली से मामूली काम है इसके लिए किस तरह चक्कर काटने के साथ जलालत झेलनी पड़ती है यह अब दबी छिपी बात नहीं रह गई है कार्यकर्ताओं अपनी ही पार्टी और सरकार से पूरी तरह से निराश हैं चाहे वह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हो या केंद्र की मोदी सरकार पार्टी और संगठन के लोग सब कुछ जानते बुझते हुए भी अंजान बने हुए हैं या यूं कहें कि वे बे हयाई का पर्दा डाले हुए हैं ताकि उन्हें आम कार्यकर्ताओं सेवक संघ का कोष भजन ना करना पड़े ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दावे की 2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पहले से भी ज्यादा सीटे लाकर केंद्र में सत्तासीन होगी कोरी साबित हो जाए भीतर ही भीतर कार्यकर्ताओं की रात से तो ऐसा ही लग रहा है कि कार्यकर्ताओं की मानें तो उन्हें भी झंडा व दरी बिछाने की एवज में कुछ चाहिए कार्यकर्ताओं की यह नाराजगी क्या रंग लाएगी यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन इतना तो यह है कि भाजपा अध्यक्ष पीएम मोदी की राह आसान समझ रहे हैं उतना होने वाला नहीं है दरअसल ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है क्योंकि भले ही प्रधानमंत्री के रूप में पीएम मोदी अभी भी देश की जनता की सबसे पहली पसंद है लेकिन यह सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता इस बात वर्ष 2014 की मोदी लहर अब नहीं है पार्टी प्रमुख संगठन पदाधिकारी इस बात को भाप गए हैं और इसी वजह से दोनों हाथों से कमाई में लगे हुए हैं उन्हें जनता और आम कार्यकर्ता एवं से कोई लेना देना नहीं है शायद ही देश का कोई भारतीय जनता पार्टी द्वारा शामिल राज्य जिला और तहसील हो जहां पर कमाई का काम जोर-शोर से ना चल रहा हो इसके लिए वहां पर पार्टी और संगठन के बकायदा कुछ खास लोग हैं जो कामों को कर रहे हैं मलाई खा रहे हैं पार्टी के लोग इन लोगों को अपने कार्यकर्ताओं लग रहे हैं खासकर बुद्धिजीवी वर्ग को तो उन्हें कतई रास नहीं आ रहा है समाजवाद पार्टी कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के लोग भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों को सभी सुविधाएं करा कर हर तरह का पद और सामान ले रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो निकाय और पंचायत चुनाव का या खेल खेला गया सूत्र बता रहे हैं कि अब सरकारी अधिवक्ता बनाए जाने को लेकर यही धंधा खूब जोर-शोर से चल रहा है इसमें लाखों की कमाई के साथ मलाइ का जो सुख मिल रहा है वह आगे मिलेगा यह नहीं संभव है इसका भान उन्हें हो गया है भले ही पार्टी और प्रमुख संगठन के आला पदाधिकारी इस हकीकत से मुंह फेरे हुए हैं लेकिन जमीनी हकीकत की है इसका खाने जाना पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ेगा दरअसल केंद्र में पिछले करीब 4 साल 7 माह के शासन में न तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के संगठन के निर्माण सेवक संघ को के दिन बुरे दोनों के दोनों आसमान का दूध कार भरी और निराशा और हताशा के बोर में फंसे हुए हैं उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा है कि क्या करें और क्या ना करें लेकिन इतना तो तय है भाजपा आलाकमान और बड़े मंत्रियों का पदाधिकारियों का वर्ष 2019 के आम चुनाव में छठी का दूध जरूर आ जाएगा क्योंकि उन्हें गुजरात से सबक लिया और ना ही गोवा से जहां एक एक सीट के लिए संघर्ष करना पड़ा। नाम ना छापने की शर्त पर एक नेता ने बताया की यहा सब कुछ अर्पित कर दो कुछ भी अपेक्षा मत रखो क्या हमारी परिवारिक जिम्मेवारी नहीं है संगठन के बड़े पदाधिकारी खुद तो हर सुख सुविधा हासिल कर रहे हैं आम से आशा की जाती है संगठन के अधिकारी रिश्तेदार और लोगों के लिए सब कुछ कर रहे हैं जैसा कि भाजपा के जिम्मेदार मंत्री और अधिकारी कर रहे हैं उचित होगा कि के शिकार पीएम मोदी अमित शाह के ख्वाब दिखा सकते हैं अगर जल्दी ही सही हकीकत को नहीं समझा गया फिर हाथ मलते ही रह जाएंगे
देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा लेखक
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