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पंजाब मोगा यूरिया खाद की कमी कारण जहां किसानों को भारी परेशानी पेश आ रही है, वहीं इस कमी के मामले में नए खुलासे होने लगे हैं। जानकारी के अनुसार इस वर्ष अप्रैल 2018 से केन्द्र सरकार ने यूरिया खाद की 5 किलो की भरपाई में कमी कर दी थी, जिस कारण किसान वर्ग को 50 की बजाय 45 किलो खाद बोरियों के रूप में मिलने लगी है। इसी वजह से खाद की कमी की समस्या पैदा हुई है।



सूत्र बताते हैं कि 168 सहकारी सभाओं के सचिवों ने गेहंू के प्रति एकड़ 3 बोरियों के हिसाब से अपने डिमांड आर्डर भेजे थे, जिसके आधार पर अब तक 85 प्रतिशत यूरिया खाद सहकारी सभाओं में पहुंच चुकी है। अभी भी किसानों को खाद की जो कमी पैदा हो रही है, उसका सही कारण यह है कि पहले किसान कृषि यूनिवॢसटी की सिफारिशों अनुसार 3 बोरियां खाद ही डालते थे परंतु इस बार 5 किलो खाद प्रति बोरी कम होने के कारण बहुत-से किसानों ने अपने स्तर पर ही प्रति एकड़ यूरिया की 4 बोरियां खाद डालनी शुरू कर दी है। इस संबंधी जिला मोगा के विभिन्न गांवों के किसानों से वार्तालाप करने पर किसान वर्ग ने स्पष्ट किया कि यूरिया खाद की बोरी में 5 किलो खाद कम होने के कारण अब किसानों को अंदाजा नहीं लगता और इस कारण ही 3 से 4 बोरियां खाद डालनी शुरू कर दी है।



उन्होंने कहा कि वैसे भी हर वर्ष धरती की उपजाऊ शक्ति कम होने के कारण किसान वर्ग खादों व कीटनाशकों का छिड़काव ही अधिक कर देता है क्योंकि किसान वर्ग को यह फिक्र रहता है कि कहीं फसल का झाड़ कम न हो।


सहकारी सभाओं के सचिवों ने की पुष्टि

दूसरी तरफ सहकारी सभाओं के सचिवों ने संपर्क करने पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि असल में किसानों ने बोरी का भार कम होने के पश्चात अपने स्तर पर ही 4 बोरियां प्रति एकड़ खाद डालनी शुरू कर दी है, जिस कारण खाद की कमी आ रही है। पता लगा है कि आगामी दिनों में खाद की कमी पूरी करने के लिए सहकारी सभाओं में जरूरत अनुसार खाद पहुंच जाएगी।


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